पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। ‘द न्यूज’ अखबार के मुताबिक, पीओके में जारी प्रदर्शनों के दौरान कम से कम छह नागरिकों और तीन पुलिस कर्मियों की मौत हो गई है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनों में लगभग 172 पुलिसकर्मी जख्मी हुए, जिनमें से 12 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अखबार ने यह भी बताया कि हिंसक प्रदर्शनों के दौरान लगभग 50 लोग भी घायल हुए हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई है। शरीफ ने इस मुश्किल का हल खोजने के लिए बनाई गई वार्ता समिति का विस्तार किया है। समिति में अब सीनेटर राणा सनाउल्लाह, केंद्र सरकार के मंत्री सरदार यूसुफ, अहसान इकबाल, पीओके के पूर्व राष्ट्रपति मसूद खान और पूर्व मंत्री कमर जमां कैरा भी शामिल होंगे।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

जेकेजेएएसी ने किया हड़ताल का आह्वान

इससे पहले जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) और पीओके तथा केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने में नाकाम रहने के बाद जेकेजेएएसी ने तीन दिन की हड़ताल का आह्वान किया था।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पीओके के मुजफ्फराबाद में दुकानें, होटल और व्यावसायिक केंद्र बंद रहे जबकि सड़कें सूनी रहीं।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि शरीफ ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर गहरी चिंता जताई और जांच के आदेश दिए हैं।

‘असीम मुनीर एक इस्लामी जिहादी जनरल’

शांति बनाए रखने की अपील

शहबाज शरीफ ने लोगों से शांति बनाए रखने की पुरजोर अपील की है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध हर शख्स का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन प्रदर्शनकारियों को व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।

पीएम मोदी की पोस्ट देख बौखला गए मोहसिन नकवी