पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को देश के सबसे बड़े युद्धपोत का उद्घाटन किया है। 17 हजार टन के इस युद्धपोत को देश समर्पित करते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी समुद्री सीमा की रक्षा और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए प्रतिबद्ध हैं। कराची बंदरगाह पर इस युद्धक टैंक उद्घाटन के मौके पर शरीफ ने कहा, “इस परियोजना से पाकिस्तान और तुर्की के बीच सहयोग बढ़ेगा। ये टैंकर पाकिस्तान की आजादी की 70वीं वर्षगांठ पर तोहफा है।”
इस टैंकर का डिजाइन तुर्की की एक कंपनी ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय के तहत तैयार किया है। इसे कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स (केएस एंड ईडब्ल्यू) ने तुर्की के सहयोग से निर्मित किया। शरीफ ने इस मौके पर कहा, “मौजूदा विकास कार्यक्रम और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का मकसद क्षेत्रीय कारोबार और ट्रांस-शिपमेंट को बढ़ावा देना है।”
पिछले कुछ समय से चीन और पाकिस्तान के आर्थिक रिश्ते तेजी से मजबूत हुए हैं। हाल ही में NSG के नियमों की अनदेखी करते हुए चीन ने पाकिस्तान को न्यूक्लियर रिएक्टर दिए. वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र में पाकिस्तान ब्रिगेड स्तरीय सैन्य आधारभूत ढांचा स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह ढांचा पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर निर्मित होने वाले महत्वाकांक्षी 46 अरब डॉलर की लागत वाले आर्थिक गलियारे को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कर रहा है जो इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाला है। भारत की आपत्ति के बावजूद चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 15 करोड़ की लागत से एक बांध भी बना रहा है।
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