Pakistan Parliament Passes Resolution: जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के बीज बोने वाला पाकिस्तान एक बार फिर से भारत के सामने गिड़गिड़ाया है। मंगलवार को पाक की संसद में एक प्रस्वाव पारित किया गया। इसमें भारत से कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग की गई है। भारत सरकार इस मांग को एक नहीं बल्कि कई बार ठुकरा चुकी है।
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, कश्मीर मामलों के मंत्री अमीर मुहम्मद ने यह प्रस्ताव पेश किया। इसमें कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए पाकिस्तान के अटूट नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देने के बात कही गई। मंगलवार को पारित किए गए प्रस्ताव का कारण कुछ साफ नहीं है। इस प्रस्ताव में बहादुर कश्मीरियों को श्रद्धांजलि दी गई है। साथ ही ह्यूमन राइट्स की स्थिति में सुधार करने का आह्वान किया गया है व हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं को रिहा करने और सभी दमनकारी कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है।
मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 कर दिया था निरस्त
जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेट का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 केंद्र की मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इन्हें बांट दिया गया है। इसके बाद दोनों देशों के सबंधों में काफी गिरावट आई है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू और कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। पाकिस्तान ने इस फैसले की कड़ी निंदा की।
पाकिस्तान ने खुद मारी अपने पैर पर कुल्हाड़ी?
पाकिस्तान के लोग कश्मीरी भाई-बहनों के लिए खड़े
इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के हिसाब से सुलझाना साउथ एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बेहद ही जरूरी है। कश्मीर मामलों के मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को इस विवाद को सुलझाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के लोग अपने कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ मजबूती से खड़े हैं।