पाकिस्तान से एक महंत 160 हिंदुओं की अस्थियां लेकर गुरुवार (15 सितंबर) को भारत आए। वह यहां अपने साथ 160 कलश लाए हैं जिनमें हिंदुओं की अस्थियां हैं। जो महंत भारत आए हैं उनका नाम रामनाथ मिश्रा है। उनके साथ उनका 14 साल का भतीजा कबीर कुमार भी आया है। ये लोग उन लोगों की अस्थियां लेकर आए हैं जिन्होंने मरने से पहले इच्छा जाहिर की होगी कि उनका अस्थी विसर्जन भारत की गंगा नदी में हो। रामनाथ उनकी अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में करेंगे। ये लोग अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत में आए हैं। ये लोग बुधवार को ही आना चाहते थे। लेकिन पाकिस्तान के कस्टम विभाग ने कुछ औपचारिकताओं के चलते उन्हें नहीं आने दिया था।
पहली बार नहीं आए हैं: महंत रामनाथ 2011 में भी अस्थियां लेकर भारत आए थे। तब वह 135 कलश लेकर आए थे। महंत हिंदू श्मशान भूमि एसोसिएशन, कराची के अध्यक्ष भी हैं। पाकिस्तान की तरफ से बताया गया कि कुल 10 लोगों ने वीजा के लिए आवेदन दिया था। लेकिन उनमें से दो ही लोगों को मंजूरी जी गई। वहीं लगभग 40 कलश ऐसे थे जिन्हें पाकिस्तान से भारत नहीं लाया गया। दरअसल, उनके परिवारवाले कलश के साथ खुद भी अस्थी विसर्जन के लिए भारत आना चाहते थे।
महंत ने बताया कि यह आम प्रक्रिया है। पाकिस्तान में कई हिंदू परिवार अपने घर के सदस्य की अस्थियों को भारत भेजने के लिए मंदिर में रखवाते हैं। साथ ही कई लोग तो अपने घर में ही समाधि भी बनवा लेते हैं। जिस मंदिर से मंहत आए हैं उसका नाम पंच मुखि हनुमान मंदिर है। वह कराची में है।
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