पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सरकार द्वारा स्कूलों में छात्राओं के लिए बुर्के बांटने की खबर आयी है। खबर के अनुसार, घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की रुस्तम घाटी के चीना गांव के गर्ल्स मॉडल स्कूल की बतायी जा रही है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हरिपुर जिले में तो प्रशासन द्वारा बाकायदा स्कूलों के लिए एक सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है, जिसमें छात्राओं को बुर्का पहनना अनिवार्य बताया गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व जिला परिषद सदस्य ने स्कूल में बांटे जाने वाले बुर्कों के लिए फंड मुहैया कराया है।

इस फंड से अभी तक 69 बुर्के खरीदने की बात सामने आयी है। बता दें कि हरिपुर जिला प्रशासन द्वारा जो सर्कुलर जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि- “हरिपुर जिले के सभी मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया जाता है कि स्कूल में समय सारणी का गंभीरता से पालन हो। इसके साथ ही निर्देश दिए जाते हैं कि छात्राएं अबाया या बुर्का पहनकर खुद को ढकें, ताकि अनैतिक कामों को रोका जा सके।”

वहीं इस मुद्दे पर लोगों ने सोशल मीडिया पर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जताते हुए लिखा कि ‘समाज को पाषाण काल की तरफ धकेला जा रहा है। हरिपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश दिया है कि छात्राएं सुरक्षा के लिए बुर्का या अबाया पहनेंगी। यह सुरक्षा अनैतिक कार्यों से होगी!’

हालांकि बाद में इस मुद्दे पर आलोचना होने के बाद खैबर पख्तूनख्वा की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई सरकार ने जिला प्रशासन का यह आदेश निरस्त कर दिया था। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने निर्देश दिए कि बुर्का अनिवार्य करने वाले आदेश तुरंत वापस लिए जाएं। अपने एक ट्वीट में खैबर पख्तूख्वा प्रांत के सीएम ने लिखा कि ‘खैबर पख्तूनख्वा सरकार लोगों से जबरदस्ती कराने में विश्वास नहीं रखती है। नागरिक खुद फैसला करें कि उनके लिए क्या सही है। छात्राओं को बुर्का पहनाने संबंधी आदेश तुरंत खारिज किया जाता है।’