पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू टीचर को पीटने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्कूल के एक छात्र ने टीचर पर धर्म को लेकर टिप्पणी करने का झूठा आरोप लगाया था। इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ घोटकी के स्कूल में पहुंच गई। लोगों ने कथित रूप से ईशनिंदा के आरोप में स्कूल के हिंदू टीचर की पिटाई कर दी।

इस मामले में आरोप लगाने वाले छात्र के पिता अब्दुल अजीज राजपूत ने सिंध पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद इलाके में दंगा भड़क गया। प्रदर्शनकारी पुलिस से प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। प्रिंसिपल की पहचान नोतन मल के रूप में हुई।

ईशनिंदा के आरोपों से भड़के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में ही स्कूल की इमारत को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने के बाद लोगों का विरोध और बढ़ गया। गुस्साए लोगों ने घोटकी क्षेत्र में एक मंदिर में पहुंच कर तोड़फोड़ की। घटना के बाद स्थानीय कार्यकर्ता और पत्रकार ने दंगे के तस्वीरें और वीडियो ट्विटर पर शेयर की।

इन लोगों ने प्रशासन से सिंध प्रांत में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। घोटकी के एसएसपी फर्रुख लंजर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में जुटी हुई है। घोटकी क्षेत्र में हिंदुओं के खिलाफ हमले में चरमपंथी नेता मिट्ठू मियां के शामिल होने की बात सामने आई है। इससे पहले भीड़ ने स्कूल में टीचर के खिलाफ नारेबाजी भी की।

भीड़ ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा-सर तन से जुदा’ के नारे लगा रही थी। वहीं कुछ लोगों ने इस घटना के बाद स्थानीय टीचर के सहानुभूति व्यक्त की। घटना के बाद पाकिस्तान के एक मानवाधिकार संगठन ने इस घटना के बारे में ट्वीट करते हुए इसे खतरनाक बताया। घटना की जानकारी देते हुए स्थानीय कार्यकर्ता सत्ता जंगेजो ने कहा कि दंगे के कारण हिंदू समुदाय के लिए क्षेत्र में अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हैं।