पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक हिंदू सांसद रमेश कुमार वंकवानी  ने संसद में दो विधेयक पेश किए हैं जिनमें जबरन धर्मांतरण में शामिल लोगों की सजा में वृद्धि और बाल विवाह को संज्ञेय अपराध बनाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह विधेयक अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की दो किशोरियों के कथित जबरन धर्मांतरण को लेकर राष्ट्रव्यापी रोष के बीच पेश किया है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद डा रमेश कुमार वंकवानी ने मंगलवार (26 मार्च) को बाल विवाह (निषेध) विधेयक 2019 और अपराध कानून (अल्पसंख्यकों का अधिकार) कानून 2019 पेश किए।

समाचार पत्र डॉन की खबर के अनुसार दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनका जबरन इस्लाम में धर्मांतरण की पृष्ठभूमि में ये विधेयक पेश किए गए हैं।
विधेयकों के साथ एक प्रस्ताव भी पेश किया गया है जिसका सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों ने समर्थन करते हुए ऐसी घटनाओं की निंदा की है।
वंकवानी पाकिस्तान हिंदू कॉंसिल के प्रधान संरक्षक भी हैं। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि दुर्भाग्य से पाकिस्तान के सभी हिस्सों में, खासकर गरीबी से प्रभावित इलाकों में बाल विवाह की प्रथा आम है।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान में एक शख्स ने दावा किया है कि सिंध प्रांत से जिस नाबालिग लड़की का अपहरण चार हथियारबंद लोगों ने किया था उसने इस्लाम कबूल कर लिया है और उससे शादी कर ली है। इसी तरह का मामला कुछ दिन पहले आया था जिसके बाद राष्ट्रव्यापी रोष व्याप्त हो गया था।  एक दिन पहले प्रांतीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री हरि राम किशोर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अपहरण के मामले की प्राथमिकी दर्ज की जाए और लड़की के परिवार को सुरक्षा दी जाए।

लड़की के पिता ने शिकायत दी है कि 17 मार्च को उनकी 14 साल की बेटी को बादिन जिले में स्थित उनके घर से चार हथियारबंद लोगों ने अगवा कर लिया है। इसके बाद मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। चार में तीन हथियारबंद लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। डॉन की खबर के मुताबिक, एक व्यक्ति ने दावा किया है कि लड़की अब उसकी पत्नी है और उसने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है। खबर के मुताबिक, व्यक्ति ने पत्रकारों को दस्तावेज भेजे हैं जिसमें दावा किया गया है कि समराव शहर में उसके मदरसे में 17 मार्च को पीर जान आगा खान सरहांदी ने लड़की को इस्लाम स्वीकार कराया जिसके बाद उसने लड़की से शादी कर ली।

खबर में कहा गया है कि उमरकोट जिले के रहने वाले व्यक्ति ने लड़की के पिता के इस दावे को भी खारिज किया कि वह नाबालिग है। उसने कहा कि लड़की की उम्र 19 साल है। गौरतलब है कि यह घटना सिंध के घोटकी जिले में दो हिन्दू नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्मांतरण कराने को लेकर राष्ट्र व्यापी रोष के बीच हुई है।