उरी आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के शुरुआती संकेतों पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिका के दो प्रभावशाली सीनेटरों ने गुरुवार (29 सितंबर) को इस्लामाबाद से अपील की है कि वह इस हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के साथ पूरा सहयोग करे। डेमोक्रेट जॉन कॉर्नेन और रिपब्लिकन मार्क वार्नर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘हम इन शुरुआती संकेतों को लेकर बेहद चिंतित हैं कि इस हमले के साजिशकर्ता पाकिस्तानी थे और हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े थे। यदि यह सच है तो यह पाकिस्तान के आतंकी समूहों द्वारा भारत में अंजाम दिए गए घातक हमलों की श्रृंखला में एक नई कड़ी भर होगा।’
इन सीनेटरों ने पाकिस्तान से भी अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित सैन्य अड्डे पर किए गए हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के साथ पूर्ण सहयोग करे। इस हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। दोनों सीनेटरों ने 29 सितंबर को लिखे पत्र में कहा, ‘हम पाकिस्तान की सरकार से अपील करते हैं कि वह इस जांच में पूरी तरह और पारदर्शी तरीके से सहयोग करे और अपने देश के उन लोगों को सजा दे, जो इस भयावह कृत्य में संलिप्त हों।’ इस पत्र की एक प्रति पीटीआई भाषा ने भी देखी है। क्रोनेन और वार्नर सीनेट इंडिया कॉकस के सहअध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी सीनेट में किसी देश विशेष पर आधारित एकमात्र कॉकस है।
दोनों सीनेटरों ने उरी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए और भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर करने के लिए लिखे पत्र में कहा, ‘इस हमले में पाकिस्तान की संभावित संलिप्तता पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान एवं भारत के प्रति अपनी विदेश नीतियों में आतंकवाद का इस्तेमाल एक स्तंभ के रूप में किए जाने से जुड़ी हमारी व्यापक चिंताओं को रेखांकित करती है।’ दोनों सीनेटरों ने लिखा, ‘जैसा कि कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने कहा है कि हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूह अब भी पाकिस्तान में खुले तौर पर संचालित हैं। ये समूह सिर्फ भारत पर ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान में अमेरिकी लोगों और हितों पर भी हमला बोल रहे हैं।’
उन्होंने लिखा, ‘ऐसे आतंकी समूहों का पाकिस्तान के अंदर लगातार सक्रिय रहना अस्वीकार्य है। हम कांग्रेस के साथ मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए काम करेंगे कि वह भारत को निशाना बनाने वाले इन आतंकी समूहों से हर तरह का जुड़ाव खत्म करें, इनकी सीमा पार घुसपैठ पर रोक लगाए और अपने देश में पनपने वाले आतंकियों को काबू करने के लिए सक्रिय एवं तत्काल कदम उठाए।’ हमले में घायल हुए जवानों के प्रति और मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हुए सीनेटरों ने कहा कि वे लोकतांत्रिक समाजों, जीवन के तरीकों और मूल्यों को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले आतंकियों से लड़ने के लिए मोदी और भारत की जनता के साथ खड़े हैं।
कोर्नेन और वार्नर ने कहा, ‘भारत और अमेरिका पर लगातार मंडराने वाले आतंकवाद के खतरे ने इस अहम जरूरत को रेखांकित किया है कि हम अमेरिका और भारत के द्विपक्षीय रक्षा, खुफिया जानकारी और आतंकवाद रोधी सहयोग को विस्तार देना जारी रखें।’ दोनों सीनेटरों ने भारत को एक बड़ा रक्षा सहयोगी करार दिए जाने, पिछले साल रक्षा मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल को लगातार प्रागाढ़ करने का स्वागत किया।
सीनेटरों ने लिखा, ‘इसी तरह, हम आतंकवादी जांच से जुड़ी जानकारी साझा करने को सुगम बनाने वाली व्यवस्था को अंतिम रूप दिए जाने का भी स्वागत करते हैं। हम भारत-अमेरिका आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य समूह और गृह सुरक्षा वार्ता द्वारा की गई प्रगति का स्वागत करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिकी साझेदारी को बढ़ाने वाले इन प्रयासों और अन्य प्रयासों का समर्थन हम जारी रखेंगे।’ अपनी संवेदनाएं जाहिर करते हुए वार्नर और क्रोनेन ने मोदी से कहा कि सीनेट इंडिया कॉकस उनके साथ खड़ी है और वे आतंकियों को क्षेत्र में शांति बढ़ाने और लोकतंत्र को बढ़ावा देने की अपनी साझा प्रतिबद्धता को प्रभावित नहीं करने देंगे।