पाकिस्तान सरकार मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकी उर रहमान लखवी को मिली जमानत को चुनौती देने को लेकर सोमवार को याचिका दायर करने नाकाम रही। दूसरी तरफ, लखवी ने न्यायिक आयोग के रिकार्ड को इस मामले में सबूत का हिस्सा बनाने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दे डाली। अभियोजन पक्ष इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत के आदेश की प्रति नहीं मिल पाने के कारण जमानत को चुनौती देने वाली याचिका दायर नहीं कर सका। आतंकवाद विरोधी अदालत ने लखवी को जमानत दी थी।
मुख्य अभियोजक चौधरी अजहर ने कहा कि हम आतंकवाद विरोधी अदालत के आदेश की प्रति हासिल कर पाने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं। मैं नहीं कह सकता कि हम मंगलवार को अपील दायर कर पाएंगे या नहीं क्योंकि यह अदालत के आदेश की प्रति हासिल करने से जुड़ा हुआ है। अदालत के आदेश की प्रति मिलने के बाद हमें याचिका तैयार करने के लिए समय चाहिए।
आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने बीते 18 दिसंबर को सबूत के अभाव का हवाला देते हुए लखवी को जमानत दे दी थी। हालांकि वह जेल से बाहर नहीं आ सका क्योंकि सरकार ने लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (पीएमओ) के तहत लखवी को तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया था।
उधर, लखवी के वकील ने मुंबई हमले के संदर्भ में पाकिस्तान न्यायिक आयोग के रिकॉर्ड को सबूत का हिस्सा बनाने के अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा कि हमने इस मामले में न्यायिक आयोग के रिकॉर्ड को सबूत हिस्सा का बनाने के निचली अदालत के निर्णय को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने लखवी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए न्यायमूर्ति अतहर मिनाल्लाह और न्यायमूर्ति नूरूल्लाह के दो सदस्यीय पीठ का गठन किया है। अब्बासी ने कहा कि अदालत का कार्यालय इस मामले की सुनवाई की तारीख तय करेगा।
पाकिस्तानी न्यायिक आयोग ने मुंबई हमले के मामले से जुड़े गवाहों के बयान लेने के लिए दो बार भारत का दौरा किया। अभियोजन पक्ष ने आयोग की रिपोर्ट तैयार की है, लेकिन लखवी ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इसे मामले में सबूत का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।
मुंबई हमले के मामले में लखवी के अलावा यहां छह दूसरे आतंकवादियों अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को भी अभियुक्त बनाया गया है। पाकिस्तान में मुंबई हमले की 2009 से ही सुनवाई चल रही है।