पाकिस्तान ने 11,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को निर्वासित किया है। पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने इसकी जानकारी दी।पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने गुरुवार को कहा कि पिछले सप्ताह उनकी स्वैच्छिक वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद पाकिस्तान ने 11,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को निर्वासित किया है।
ACC कार्ड वालों को 31 मार्च तक छोड़ना था देश
पाकिस्तान ने जनवरी में घोषणा की थी कि सभी अफगान नागरिक कार्ड (ACC) धारकों को 31 मार्च तक देश छोड़ देना चाहिए या निर्वासन का सामना करना पड़ेगा। अधिकारियों ने इस श्रेणी में आने वालों को निष्कासित करने के लिए 1 अप्रैल से अभियान शुरू किया।
तलाल चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “अब तक 11,230 अफगानों को उनके देश वापस भेज दिया गया है। किसी भी अफगान नागरिक को वैध दस्तावेजों के बिना पाकिस्तान आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” यह अफगान शरणार्थियों को निष्कासित करने के अभियान का दूसरा चरण था, 2003 में उन विदेशियों के खिलाफ पहली बार शुरू किया गया था जो अवैध रूप से रह रहे थे। मंत्री ने कहा कि 30 अक्टूबर, 2023 से कम से कम 8,57,157 अफगानों को वापस भेजा गया है।
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तलाल चौधरी ने कहा, “हमने पहले चरण में केवल उन अफगानों को भेजा जो वैध दस्तावेजों के बिना और अवैध रूप से पाकिस्तान में रह रहे थे।” तलाल चौधरी ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से उन अफगानों को भेजने करने का भी आग्रह किया, जिनके साथ उन्होंने अपने देशों में उन्हें बसाने का वादा किया था।
30 अप्रैल तक की मिली समयसीमा
तलाल चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने उनके पुनर्वास के लिए 30 अप्रैल की समय सीमा दी है। उन्होंने कहा कि यह समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी, लेकिन स्पष्ट किया कि विशिष्ट मामलों की समीक्षा की जा सकती है। तलाल चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं अफगानिस्तान से जुड़ी हुई हैं।
जानें अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान के शरणार्थी एवं प्रत्यावर्तन मामलों के मंत्रालय ने बयान में पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों के जबरन निर्वासन की निंदा की। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि शरण मांगने वाले अफगान परिवारों की भलाई के लिए भी नुकसानदायक है। बयान में कहा, “अफगानिस्तान इन शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी की तैयारी कर रहा है और अपील करता है कि उन्हें अपनी संपत्ति अपने साथ वापस लाने की अनुमति दी जाए।”