पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की छोटी बेटी आसिफा अली जरदारी की राजनीति में एंट्री हो गई है। सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है। इस सीट इससे पहले उनके पिता के पास थी। इस सीट पर 21 अप्रैल को उप चुनाव होना है। इसमें आसिफा की जीत लगभग तय मानी जा रही है। आसिफा ने सिंध प्रांत के शहीद बेनजीराबाद जिले के एनए-207 निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव में रविवार को नामांकन पत्र भरा।
बता दें कि आसिफा की मां बेनजीर भुट्टो की 2007 में रावलपिंडी में चुनाव प्रचार के दौरान बेनजीर की हत्या कर दी गई। इसके बाद 2008 से 2013 तक जरदारी देश के 11वें राष्ट्रपति रहे। आसिफा के भाई 35 वर्षीय बिलावल भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और पिता जरदारी सह-अध्यक्ष हैं। पिछली शहबाज शरीफ सरकार में बिलावल विदेश मंत्री रह चुके हैं।
फर्स्ट लेडी भी हैं आसिफा
31 साल की आसिफा को उनके पिता और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अबतक संसदीय राजनीति से दूर रखा था। हालांकि पिछले दिनों आसिफ अली जरदारी ने आसिफा को देश की प्रथम महिला बनाने का फैसला लिया है। जिसे पाकिस्तान में खातून-ए-अव्वल कहा जाता है। जरदारी का ये एक सोचा-समझा कदम है। आसिफ जरदारी इसलिए भी आसिफा को बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि पाकिस्तान के एक और बड़े राजनेता नवाज शरीफ ने अपनी बेटी मरियम को विरासत सौंपते हुए उनको पंजाब की मुख्यमंत्री बना दिया है।