एक मीडिया रिपोर्ट में आज कहा गया कि नियंत्रण रेखा एवं अस्थायी सीमा पर तनाव कम करने के मकसद से पाकिस्तान चार सालों के अंतराल के बाद भारत के साथ महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) स्तर की बैठक के एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान ने कल ही कहा कि नियंत्रण रेखा के पार से भारतीय सैनिकों की ओर से की गई गोलीबारी में उसके चार सैनिक मारे गए जबकि पांच अन्य जख्मी हो गए।
बहरहाल, भारतीय थलसेना ने कहा कि जवाबी फायरिंग में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, कल पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने सीनेट की रक्षा समिति को बताया था कि डीजीएमओ की बैठक के एक ताजा प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने सीनेटरों को भारत की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन के ताजा रुझान की जानकारी दी थी।
नवंबर में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। यह बातचीत पाकिस्तान के अनुरोध के बाद हुई थी । रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीएमओ स्तर की बैठक के लिए एक वैश्विक बहाली उपाय के तौर पर इस बात पर विचार किया जा रहा है कि नियंत्रण रेखा पर इस्तेमाल होने वाले हथियारों की क्षमता में कमी की जाए।
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन संपर्क भी है, लेकिन उन्होंने चार साल पहले वाघा (लाहौर और अमृतसर के बीच का एक गांव) में आमने-सामने मुलाकात की थी। 24 दिसंबर 2013 कोई हुई यह बैठक 14 साल के अंतराल के बाद हुई थी। उस बैठक में भी नियंत्रण रेखा एवं अस्थायी सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई थी। इस बीच, सीनेट समिति की ओर से आम राय के जरिए पारित किए गए प्रस्ताव में भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल रावत के उस बयान की निंदा की गई जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले के झांसे को धता बताने की बात कही थी। समिति ने इसे ‘युद्ध जैसी’ घोषणा करार दी।