पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को उनके खिलाफ चल रहे राजद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए 31 मार्च को पेश होने को कहा क्योंकि वह खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर अदालत में पेश नहीं हुए। तीन सदस्यीय विशेष अदालत ने मुशर्रफ को 31 मार्च को सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने तथा उनपर लगे राजद्रोह के आरोपों पर जवाब देने का आदेश दिया। वर्ष 2007 में राष्ट्रपति रहने के दौरान आपातकाल लगाने को लेकर उन पर वर्ष 2013 में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
लेकिन अदालत ने कहा कि चौधरी को सुनवाई की तारीख से पहले उसे सूचित करना चाहिए कि मुशर्रफ नहीं आ सकेंगे। सरकारी वकील अकरम शेख ने दलील दी कि सुनवाई रोजाना आधार पर होनी चाहिए लेकिन अदालत ने तत्काल उनकी दलील नहीं मानी।
वर्ष 2013 में इस मामले के शुरू होने के बाद से मुशर्रफ केवल एक बार पिछले साल पेश हुए थे जब उनके विरूद्ध आरोप पत्र दायर किया गया था। उच्च राजद्रोह का यह मामला वर्ष 2007 में मुशर्रफ द्वारा संविधान को निलंबित किये जाने से संबंधित है। इसे संविधान के अनुच्छेद छह के तहत राजद्रोह घोषित किया गया, जिसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान है। मुशर्रफ को अप्रैल 2014 में अ5यारोपित किया गया लेकिन तब से इस मामले में कई कारणों से कोई प्रगति नहीं हुई है।
मुशर्रफ ने वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर सत्ता हथिया ली थी और उन्होंने 2008 तक शासन किया था, उसी साल उन्हें सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया गया था। वह कराची में अपनी बेटी के साथ रहते हैं। उन्हें अदालत के आदेश के तहत देश छोड़ने की मनाही है।