पाकिस्तान में गैंगरेप के एक मामले को गांव के बुर्जुगों द्वारा 30 मन गेहूं में सुलटाने का मामला सामने आया है। घटना सिंध प्रांत के उमरकोट जिले के गुलाम नबी शाह इलाके की है। 14 साल की पीडि़त लड़की के पिता की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
पीडि़त के पिता ने कहा कि केस रजिस्टर होने और मुख्य संदिग्ध के गिरफ्तार होने के बाद उसे मामले को ‘जिरगा’ के जरिए सुलझाने के लिए बाध्य किया गया। ‘जिरगा’ आदिवासी बुर्जुगों के जरिए विवादों को सुलझाने का पारंपरिक तरीका है। पिता के मुताबिक, स्थानीय प्रभावशाली जमींदार की देखरेख में जिरगा रखा गया। पिता का आरोप है कि उसे 30 मन गेहूं मुआवजे के तौर पर देने का वादा किया गया। पिता ने बताया कि जब उसने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया तो उसे परिवार समेत घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। पिता का यह भी कहना है कि लोकल मीडिया में मामले के आने के बाद स्थानीय प्रभावशाली लोग उसे मुंह बंद रखने और मामला वापस लेने की धमकी दे रहे हैं। मीरपुरखास डिविजन के डीआईजी जावेद आलम ओधो ने मामले पर संज्ञान लेते हुए उमरकोट के एसएसपी को आदेश किया कि वे इस मामले की जांच करें और पीडि़त के परिवार को सुरक्षा भी मुहैया कराएं। बता दें कि पाकिस्तानी अदालत जिरगा प्रथा को अवैध घोषित कर चुकी है।