पाकिस्तान ने देश में आतंक की वित्तीय मदद रोकने के लिए आतंकी संगठनों के बैंक अकांउट बंद फ्रीज करने के निर्देश दिए हैं। पाकिस्तान के केन्द्रीय बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वे एंटी-टेररिज्म एक्ट (ATA), 1997 के चौथे अनुच्छेद में सूचीबद्ध 2,021 व्यक्तियों से जुड़े खाते फ्रीज कर दें। इन खातों में करोड़ों रुपए जमा है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में छपी रिपोर्ट में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के हवाले से लिखा गया है, ”सभी बैंकों, विकास वित्तीय संस्थाओं और माइक्राफायनेंस बैंकों को कहा गया है कि वे कानून के मुताबिक उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिनका नाम नेशनल काउंटर-टेररिज्म अथॉरिटी (NACTA) द्वारा उपलब्ध कराए गए चौथे अनुच्छेद की सूचियों में शामिल है।” लेकिन इस लिस्ट में जमात-उद-दावा या लश्कर-ए-तैयबा, जिसका सरगना हाफिज सईद है, के बैंक खाते शामिल नहीं हैं। इस आदेश से कश्मीरी अलगाववादी और आतंकी संगठनों को पूरी तरह बाहर रखा गया है।
पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक सरताज अजीज ने मंगलवार (27 सितंबर) को कहा कि यदि भारत 56 साल पुराने सिंधु जल समझौते को निलंबित करता है तो उनका मुल्क संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख करेगा। साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस समझौते को रद्द करने को ‘युद्ध छेड़ने की गतिविधि’ के तौर पर लिया जा सकता है। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार अजीज ने इस मुद्दे पर नेशनल एसेंबली में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय कानून बताते हैं कि भारत एकतरफा तरीके से इस समझौते से खुद को अलग नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा, ‘समझौता रद्द करने की कार्रवाई को दोनों देशों के बीच युद्ध की कार्रवाई के तौर पर लिया जा सकता है।’
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उरी हमले को लेकर भारत की तरफ से मंगलवार (27 सितंबर) को पाकिस्तान उच्चायुक्त से तलब किया गया है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने अब्दुल बासित से तलब किया और उन्हें उरी हमले से जुड़े कुछ सबूत भी दिए। विकास स्वरूप ने उन दो गाइड्स के बारे में भी बताया है जिन्होंने हमलावरों की भारत में घुसने में मदद की थी।