बंदरों की लुप्तप्राय प्रजाति ओरांगुटान की एक मादा बंदर बीते हफ्ते इंडोनेशिया के जंगलों में पायी गई थी। दुख बात ये है कि यह ओरांगुटान बुरी तरह घायल और कुपोषित अवस्था में मिली। इस ओरांगुटान को एअर राइफल के 74 पैलेट (छर्रे) लगे हुए थे। जिससे इस ओरांगुटान की आंखों की रोशनी चली गई और वह बुरी तरह से घायल है। ओरांगुटान के शरीर की कई हड्डियां टूट चुकी हैं और वह भुखमरी की हालत में है। यह ओरांगुटान इंडोनेशिया के जंगलों में ताड़ के पेड़ों के इलाके में मिली थी। कुछ लोगों ने इसे सुमात्रा द्वीप के एक स्थानीय वेटरीनरी क्लीनिक में भर्ती करा दिया। ओरंगुटान के साथ उसका बच्चा भी मिला था, लेकिन क्लीनिक लाते समय ओरांगुटान के बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
ओरांगुटान को बचाने में जुटी संस्था Orangutan Conflict Response Unit को जब इस घायल ओरांगुटान के बारे में पता चला तो इस संस्था के लोग उसे सुमात्रा ओरांगुटान कंजरवेशन प्रोग्राम के सेंटर ले आए, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। संस्था के लोगों ने ओरांगुटान के जज्बे को देखते हुए उसका नाम ‘होप’ रख दिया है। होप को लेकर दुनियाभर में दुआएं की जा रही हैं। वेटरिनरी डॉक्टर्स ने जब ओरांगुटान होप का एक्सरे किया तो उसकी रिपोर्ट देखकर वह हैरान रह गए। एपी की एक खबर के अनुसार, इस ओरांगुटान के शरीर में एअर राइफल के 74 पैलेट फंसे हुए थे। इन्हीं पैलेट की वजह से उसकी कई हड्डियां टूट गईं थी और आंख में पैलेट लगने के कारण उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई है। इस मादा ओरांगुटान के शरीर पर कई घाव भी हैं, जो किसी नुकीली चीज के कारण हुए हैं। फिलहाल इस ओरांगुटान का इलाज किया जा रहा है और उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
बता दें कि बंदरों की ओरांगुटान प्रजाति गहरे संकट से गुजर रही है और दुनिया में तेजी से इनकी संख्या कम होती जा रही है। ओरांगुटान इस वक्त इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर और इंडोनेशिया और मलेशिया के बोरनियो द्वीप पर पाए जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, साल 1999 से 2015 के बीच करीब 1,50,000 ओरांगुटान की मौत हो गई। ओरांगुटान के लुप्तप्राय हालात में जाने के पीछे कम होते जंगलों को कारण माना जाता है। उल्लेखनीय है कि ओरांगुटान प्रजाति विकास के क्रम में इंसानों के सबसे करीब मानी जाती है। ओरांगुटान के 97 प्रतिशत डीएनए इंसानों के डीएनए से मिलते हैं।