श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल का संकट गहराता जा रहा है। लोग पेट्रोल पंपों में लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं ताकि किसी तरह से उन्हें तेल मिल जाए। इसी लाइन में लगने के कारण दो बुजुर्गों की मौत हो गई है। वहीं श्रीलंकाई सरकार का कहना है कि जमाखोरों ने तेल की किल्लत पैदा की है।

श्रीलंका की पुलिस ने रविवार को कहा कि आसमान छूती कीमतों के बीच तेल के लिए अलग-अलग लाइनों में इंतजार करते समय दो लोग गिर गए और उनकी मौत हो गई। कोलंबो में पुलिस प्रवक्ता नलिन थलडुवा ने कहा- “देश के दो अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल और केरोसिन का इंतजार कर रहे सत्तर वर्षीय दो लोगों की मौत हो गई है।

पेट्रोलियम जनरल एम्प्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष अशोक रानवाला ने कहा कि रविवार को श्रीलंका ने कच्चे तेल का स्टॉक खत्म होने के बाद अपनी एकमात्र ईंधन रिफाइनरी को बंद कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार हफ्तों से लोग पंपों पर कई घंटों से कतार में लग रहे हैं ताकि किसी तरह से उन्हें तेल मिल जाए। वहीं देश में बिजली की कटौती भी जारी है।

इस मामले को लेकर सरकारी पेट्रोलियम मंत्रालय से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। हालांकि सरकार का कहना है कि तेल का जो संकट इस समय देश में पैदा हुआ है वो मुनाफाखोरी की वजह से हुआ है।

श्रीलंका जनवरी से तेजी से महंगे ईंधन शिपमेंट के भुगतान के लिए डॉलर के लिए संघर्ष कर रहा है। इसका विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी में 2.31 अरब डॉलर तक गिर गया है। फरवरी में श्रीलंका की मुद्रास्फीति 15.1% थी, जो एशिया में सबसे अधिक थी। वहीं सरकार के नए आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 25.7 प्रतिशत हो गई है।

शनिवार को 400 ग्राम पैक के लिए मिल्क पाउडर की कीमतों में 250 रुपये (0.90 डॉलर) की वृद्धि हुई, जिससे रेस्तरां मालिकों को एक कप दूध की चाय की कीमत 100 रुपये तक बढ़ानी पड़ी। बता दें कि श्रीलंका इन दिनों आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में महंगाई के साथ-साथ अब जरूरी वस्तुओं की भी किल्लत होने लगी है।