उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के ठाट-बाट अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग से भी ज्यादा हैं। मोटर-वाहन को तो छोड़ दीजिए, वह जब ट्रेन से देश के किसी हिस्से के लिए निकलते हैं तो उसके आगे और पीछे एक-एक ट्रेन चला करती है। दक्षिण कोरियाई रिपोर्ट की मानें तो ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जाता है। उतर कोरिया के मौजूदा सर्वोच्च नेता किम जोंग उन सत्ता संभालने के बाद से अभी तक एक बार भी देश से बाहर नहीं निकले हैं। उनके पिता और उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग इल का दिसंबर, 2011 में निधन हो गया था। उन पिछले सात वर्षों से सत्ता पर काबिज हैं। किम जोंग इल को विमान से यात्रा करना पसंद नहीं था। इसलिए वह अक्सर ट्रेन से ही यात्रा किया करते थे। यहां तक कि उन्होंने रूस और चीन की विदेश यात्रा भी ट्रेन से ही की थी। इल ने वर्ष 2001 में ट्रेन से ही मॉस्को गए थे। रूसी अधिकारी के. पुलिकोवस्की का दावा है कि तीन सप्ताह की रूस यात्रा के दौरान वह उत्तर कोरिया के तत्कालीन तानाशाह के साथ थे। उन्होंने वर्ष 2002 में ट्रेन में मौजूद सुविधाओं का विवरण दिया था। रूसी अधिकारी ने बताया था कि ट्रेन में तमाम तरह की आधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं। ट्रेन की बोगियां मोबाइल कार्यालय की तरह थीं।
चीन की यात्रा पर जा सकते हैं किम जोंग उन: उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशह किम जोंग इल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रेन जैसे एक अन्य ट्रेन को सोमवार (26 मार्च) को बीजिंग के रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। बताया जाता है कि यह ट्रेन मंगलवार (27 मार्च) को स्थानीय समय के अनुसार दोपहर बाद बीजिंग से रवाना हो चुकी थी। ऐसे में किम जोंग उन की चीन यात्रा को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। यदि उन बीजिंग आते हैं तो यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। सत्ता संभालने के बाद सात वर्षों में वह कभी भी देश से बाहर नहीं निकले हैं। इस बात की भी चर्चा है कि या तो इस ट्रेन से उत्तर कोरिया के तानाशाह चीन आ सकते हैं या प्योंगयांग का कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी बीजिंग का दौरा कर सकते हैं। किम जोंग उन द्वारा देश के अंदर इस लग्जरी ट्रेन से यात्रा करने के बारे में भी किसी के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। कोरियाई प्रायद्वीप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किम जोंग उन की बीजिंग यात्रा से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। उत्तर कोरियाई तानाशाह ने बातचीत की प्रक्रिया में भागीदार बनने की इच्छा पहले ही जता चुके हैं।