उत्तर कोरिया पनडुब्बी से मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) बनाने की दिशा में प्रगति कर रहा है, लेकिन इसकी तैनाती में अभी उसे कई साल लगेंगे। एक अमेरिकी विचार समूह ने यह बात कही है। बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने प्योंगयांग के इस नए परीक्षण पर कार्रवाई करने का वादा किया है। जॉन्स होपकिन्स यूनिवर्सिटी स्थित यूएस-कोरिया इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार (26 अगस्त) को उसकी 38नॉर्थ बेवसाइट पर कहा कि उत्तर कोरिया के इस सप्ताह हुए एसएलबीएम परीक्षण की सफलता से पता चलता है कि यह कार्यक्रम पहले के अनुमानों से कहीं अधिक गति से चल रहा है। ‘हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि यह अगले सप्ताह या अगले माह अथवा अगले साल तक तैयार हो जाएगा।’ संस्थान ने कहा ‘इसके बजाय, उत्तर कोरिया के एसएलबीएम परीक्षण से इस क्षमता के वर्ष 2018 की दूसरी छमाही तक तैनात किए जाने का संकेत मिलता है।’ यह मिसाइल परीक्षण सिन्पो के उत्तरपूर्वी बंदरगाह के करीब जलमग्न प्रोटोटाइप ‘जोरे-क्लास’ पनडुब्बी से किया गया था। यह स्थान जापान से 500 किमी दूरी पर स्थित है। हथियार विशेषज्ञों ने इसे उत्तर कोरिया की परमाणु हमले की महत्वाकांक्षा की ओर एक कदम बताया है।
2018 तक पूरी नहीं होगी उत्तर कोरिया की पनडुब्बी से मार करने वाली मिसाइल: विशेषज्ञ
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने प्योंगयांग के इस नए परीक्षण पर कार्रवाई करने का वादा किया है।
Written by एएफपी
सोल।

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First published on: 27-08-2016 at 16:06 IST