उत्तर कोरिया ने सोमवार (13 फरवरी) को कहा कि उसने एक बैलिस्टिक मिसाइल का ‘सफलतापूर्वक’ परीक्षण किया है। इसके बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाए जाने की अपील की है। इस प्रक्षेपण को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर कोरिया की सरकारी संवाद समिति केसीएनए ने बताया कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने ‘शक्तिशाली परमाणु हमले के एक अन्य माध्यम को हासिल करने पर अत्यधिक संतोष जाहिर किया। इस हमले का अर्थ है कि देश की ताकत में भारी इजाफा हुआ है।’ दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने रविवार (12 फररी) को कहा कि मिसाइल का प्रक्षेपण रविवार (12 फरवरी) को कुसोंग के निकट किया गया और यह मिसाइल जापान सागर में गिरने से पहले पूर्व में लगभग 500 किमी तक की दूरी तक गई।

केसीएनए द्वारा जारी फोटो में दिखाया गया है कि मिसाइल आसमान में जा रही है और मुस्कुराते हुए किम कमांड केंद्र से उसे देख रहे हैं। वह प्रक्षेपण क्षेत्र पर खड़े हैं और उनके चारों ओर जवान एवं वैज्ञानिक हैं। केसीएनए ने कहा कि किम ने इस परीक्षण की तैयारियों का खुद दिशानिर्देशन किया। संवाद समिति ने इसे सतह से सतह पर मार कर सकने में सक्षम लंबी दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल पुकगुकसोंग-2 बताया जो ‘कोरियाई शैली की नई रणनीतिक हथियार प्रणाली’ है। केसीएनए ने कहा कि सोल में सरकारी इंस्टीट्यूट फॉर फोरेन अफेयर्स एंड सिक्योरिटी के युन दुक मिन के अनुसार यह मिसाइल ‘सॉलिड फ्यूल इंजन’ चालित है जिसमें ईंधन भरने में परंपरागत ‘लिक्विड फ्यूल’ चालित मिसाइलों की तुलना में बहुत कम समय लगता है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण से पहले उपग्रह निगरानी के जरिए इस मिसाइल का पता लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘वे सतर्क होने के लिए बहुत कम समय देती हैं और इस तरह विरोधियों को खतरा बढ़ जाता है।’

उत्तर कोरिया ने पूर्व में अपनी हथियार क्षमताओं को लेकर जो दावे किए हैं ,उन्हें विश्लेषक भरोसा करने योग्य नहीं मानते लेकिन सोल की सेना ने सॉलिड फ्यूल इंजन के संबंध में उत्तर कोरिया के दावे की पुष्टि की जिससे संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया अपनी क्षमताओं में विस्तार कर रहा है। उत्तर कोरिया की इस पुष्टि के बाद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया है कि वह इस प्रक्षेपण पर चर्चा करने के लिए एक आपात बैठक बुलाएं। परिषद द्वारा सोमवार (13 फरवरी) को चर्चा आयोजित किए जाने की संभावना है। फ्लोरिडा में ट्रंप के साथ संवाददाता सम्मेलन के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने इस परीक्षण को ‘कतई बर्दाश्त न किया जा सकने वाला’ बताया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु प्रौद्योगिकी का प्रयोग किए जाने पर रोक है।