उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी 17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शनिवार (17 सितंबर) को यहां पहुंचे। इस सम्मेलन में भारत द्वारा आतंकवाद पर अपनी चिंताएं व्यक्त के अलावा संयुक्त राष्ट्र में सुधार, जलवायु परिवर्तन और परमाणु निरस्त्रीकरण जैसे अहम मुद्दों पर वार्ता करने की संभावना है। वेनेजुएला के कार्यकारी उपराष्ट्रपति एरिस्तोबुली इस्तुरिज ने यहां सेंटियागो मैरिनो कैरेबियन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अंसारी की अगवानी की और उनका रस्मी स्वागत किया गया। उपराष्ट्रपति अंसारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। मोदी दूसरे ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जो इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले 1979 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने इस शिखर सम्मेलन में शिरकत नहीं की थी।
अंसारी ने वेनेजुएला के मार्गरिटा द्वीप पर आयोजित हो रहे शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाते समय मार्ग में संवाददाताओं से कहा था कि शिखर सम्मेलन में भारत आतंकवाद के बारे में अपनी चिंताओं को मजबूती से उठाएगा क्योंकि वह सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मसले पर अपनी बात रखता रहा है। अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जाते समय विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘हां, हम हर मंच पर ऐसा (आतंकवाद पर चिंताओं को उठाने का काम) कर रहे हैं और निश्चित रूप से यह (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) एक महत्वपूर्ण मंच है और हम वहां भी इस मसले को उठाएंगे, इस बारे में कोई शंका नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद ऐसा मसला है जो हर काम में बाधा उत्पन्न करता है। अगर हमारा लक्ष्य विकास है तो आतंकवाद इसमें बाधा उत्पन्न करता है। हमें शांति की जरूरत है, हमें सामाजिक शांति की आवश्यकता है, हमें अंतरराष्ट्रीय शांति की दरकार है… इन दोनों ही कामों में आतंकवाद बाधा पहुंचा रहा है।’ अंसारी शुक्रवार शाम (भारत में समय के अनुसार शनिवार सुबह) से शुरू अपनी तीन दिवसीय यात्रा में विश्व के नेताओं से शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘शिखर सम्मेलन में समसामयिक विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसमें आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुधार, पश्चिम एशिया की स्थिति, शांति और सुरक्षा पर मंडराने वाले खतरों से जुड़ी चिंताओं पर बातचीत हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक अभियानों, जलवायु परिवर्तन, स्थायी विकास, आर्थिक सुशासन, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, शरणार्थियों, विस्थापितों एवं परमाणु निशस्त्रीकरण जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।’
इसमें कहा गया है, ‘ये सभी महत्वपूर्ण विषय आगामी महीनों में संयुक्त राष्ट्र में होने वाली चर्चाओं के संदर्भ में प्रासंगिक हैं।’ गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में 120 विकासशील देशों के नेताओं के हिस्सा लेने की उम्मीद है जो इसके सदस्य हैं। गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के बाद देशों की सबसे बड़ी सभाओं में से एक है। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से एक है और इसने वर्ष 1983 में नयी दिल्ली में सातवें गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। आखिरी गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन की मेजबानी वर्ष 2012 में ईरान ने की थी।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों में अफ्रीका से 53 देश, एशिया से 39 देश, लातिन अमेरिका एवं कैरेबिया से 26 और यूरोप से दो (बेलारूस, अजरबैजान) देश शामिल हैं। इसके अलावा 17 देश और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठन गुटनिरपेक्ष आंदोलन के पर्यवेक्षक हैं। यह 55 वर्ष पहले उस वक्त अस्तित्व में आया था जब 25 विकासशील देशों के नेताओं ने 1961 में बेलग्रेड सम्मेलन में मुलाकात की थी।यह शिखर सम्मेलन तेल सम्पन्न देश वेनेजुएला में राजनीतिक एवं आर्थिक उथल-पुथल के बीच आयोजित हो रहा है। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के कारण वर्ष 2014 के मध्य से वेनेजुएला संकट से घिरा हुआ है, जिसके कारण देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समाजवादी मॉडल हाशिए पर आ गया है।