नाइजीरिया के प्लाटू स्टेट में हिंसक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आए दिन किसी न किसी को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। विभिन्न धर्म के लोग एक-दूसरे के दुश्मन बन गए हैं, जिसकी वजह से लोग एक-दूसरे की जान तक ले रहे हैं, लेकिन लगातार बढ़ती हुई हिंसा के बीच भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इंसानियत को धर्म से ऊपर मानते हैं। हाल ही में प्लाटू स्टेट के एक गांव के इमाम ने अपनी जान की परवाह न करते हुए करीब 250 ईसाइयों की जान बचाई है। बीबीसी के मुताबिक प्लाटू स्टेट के में मुस्लिम, फुलानी और ईसाई धर्म के लोग रहते हैं। यहां के गावों में मुख्य रूप से मुस्लिम और फुलानी लोग चरवाहे का काम करते हैं तो वहीं ईसाई लोग खेती करते हैं। चरवाहे के काम को लेकर और धर्म में भिन्नता होने के कारण इन समुदाय के लोगों के बीच कई बार हिंसा हो चुकी है। हाल की घटना बेहद चौंकाने वाली रही।
दरअसल, स्टेट के एक गांव में फुलानी और मुस्लिम बंदूकधारी लोगों ने ईसाइयों के ऊपर हमला कर दिया। करीब 250 ईसाइ लोग अपनी जान बचाने के लिए पास के दूसरे गांव में भाग गए। वहां एक मुस्लिम इमाम ने उन्हें आते हुए देखा। इमाम ने इन सभी लोगों को बचाने का फैसला कर लिया। इमाम ने भागे हुए लोगों में शामिल महिलाओं को पहले अपने घर में छिपाया, फिर जितने पुरुष उनमें शामिल थे, उन्हें मस्जिद में छिपाय। बच्चों को भी इमाम ने छिपा दिया, ताकि बंदूकधारी मुस्लिमों की नजर उन पर न पड़े।
भागे हुए लोगों का पीछा करते हुए बंदूकधारी लोग भी उनके पीछे उस गांव में आ पहुंचे। उन्होंने इमाम से कहा कि वह मस्जिद में छिपे लोगों को बाहर लाए, लेकिन इमाम ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। उसके बाद उन लोगों ने इमाम का घर और मस्जिद जलाने की धमकी दी, जिसके बाद इमाम ने खुद को उनके सामने सौंप दिया। इमाम बंदूकधारी लोगों के सामने जमीन पर लेट गए। उनके साथ कुछ अन्य मुस्लिम लोगों ने भी ऐसा किया। इमाम ने रोना चालू कर दिया और बंदूकधारियों से निवेदन किया कि वे उन लोगों को छोड़ दें और यहां से चले जाएं। आश्चर्य की बात यह हुई कि इमाम के रोते हुए निवेदन के बाद वे लोग वहां से चले गए, लेकिन उन्होंने दो चर्चों में आग लगा दी। इमाम ने बताया कि वह उन ईसाइ लोगों कि मदद इसलिए करना चाहते थे, क्योंकि 40 साल पहले ईसाइयों ने मुस्लिमों को वहां मस्जिद बनाने की स्वीकृति दी थी।

