नेपाल की सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए चीनी कंपनी टिक टॉक पर बैन लग दिया है। इससे पहले भी कई देश इस ऐप पर बैन लगा चुके हैं, सुरक्षा कारणों की वजह से ये फैसला हुआ है। इसी कड़ी में नेपाल सरकार ने भी टिक टॉक पर बैन लगा दिया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश की सामाजिक शांति को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।
नेपाल ने टिक टॉक पर बैन क्यों लगाया?
नेपाल ने ये फैसला लेते वक्त भारत, फ्रांस जैसे उन देशों का भी जिक्र किया है जहां पर कई साल पहले ही टिक टॉक पर बैन लगा दिया गया। जानकार मानते हैं कि टिक टॉक की वजह से कई संवेदशील जानकारी भी चीन तक पहुंच सकती है। उसी वजह से इस ऐप को बैन करने का फैसला हुआ है। नेपाल सरकार का कहना है कि पूर्ण रूप से इस ऐप को बैन होने में अभी ज्यादा टाइम लगेगा, लेकिन फैसला ले लिया गया है।
भारत ने की थी शुरुआत
जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने 2020 के मध्य में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस दौरान भारत सरकार ने 59 चीनी स्वामित्व वाले ऐप पर नकेल कसते हुए दावा किया कि वे भारत के बाहर सर्वर पर उपयोगकर्ताओं के डेटा को गुप्त रूप से प्रसारित कर रहे थे। उसके बाद तो अमेरिका के दो दर्जन से अधिक राज्यों ने सरकार द्वारा जारी उपकरणों पर टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था और कई कॉलेजों – जैसे ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑबर्न विश्वविद्यालय और बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी ने इसे कैंपस वाई-फाई नेटवर्क से हटा दिया था।
वैसे नेपाल का ये कदम उठाना मायने रखता है क्योंकि उसे लेकर हमेशा कहा गया है कि वो चीन का करीबी रहा है, ऐसे में अब उसी की ऐप पर प्रतिबंध लगाकर उसे सबसे बड़ा झटका देने का काम किया गया है।