नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने देश में जारी सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। ओली ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उनके कार्यालय में घुसने के कुछ ही देर बाद पद छोड़ दिया।

इससे पहले प्रदर्शनकारी सिंह दरबार में घुस गए थे। सिंह दरबार में नेपाल के सारे मंत्रियों के दफ्तर हैं। कुछ देर पहले यहीं पर विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की थी और पीएम से इस्तीफा मांगा था। आइए जानते हैं सिंह दरबार की ऐतिहासिक विरासत और नेपाल की राजनीति में उसके महत्व के बारे में।

सिंह दरबार का निर्माण चंद्र शमशेर जेबीआर ने करवाया था

सिंह दरबार नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित एक महल है। इस महल का निर्माण चंद्र शमशेर जेबीआर ने जून 1908 में करवाया था। इसमें नेपाली सरकार की कई इमारतें स्थित हैं, जिनमें प्रतिनिधि सभा, राष्ट्रीय सभा और कई मंत्रालय शामिल हैं। सिंह दरबार का निर्माण चंद्र शमशेर जेबीआर ने प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के तुरंत बाद करवाया था। शुरुआत में यह एक छोटा निजी आवास था। निर्माण के तुरंत बाद, चंद्र शमशेर जेबीआर ने इस संपत्ति को नेपाल सरकार को 20 मिलियन नेपाली रुपये में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में बेच दिया।

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सिंह दरबार को 20 मिलियन नेपाली रुपये में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में बेचा था

1929 में उनकी मृत्यु के बाद इसका उपयोग राणा वंश के प्रधानमंत्रियों के आधिकारिक निवास के रूप में किया गया। सिंह दरबार में राज करने वाले अंतिम राणा प्रधानमंत्री मोहन शमशेर जेबीआर थे। 1951 में राणा वंश के पतन के बाद भी मोहन ने इस स्थान का उपयोग किया लेकिन 1953 में उन्हें महामहिम की सरकार ने महल छोड़ने का आदेश दिया जो राष्ट्रीय संपत्ति बन गया।

पीएम ओली के अलावा अब तक 4 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव शामिल हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, शेर बहादुर देउबा, कल गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर आगजनी भी की है।

नेपाल में दूसरे दिन भी सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी

नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए संसद भवन में आग लगा दी और कई नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में ‘‘केपी चोर, देश छोड़ो’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी।

पीएम ओली के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की मौतों की जवाबदेही की मांग करते हुए बालकोट स्थित नेपाली नेता के निजी आवास में आग लगा दी थी। सोशल मीडिया साइट पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे। विरोध प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने सोशल मीडिया साइट से प्रतिबंध कल रात हटा लिया।

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