नेपाल की सेना ने गुरुवार को काठमांडू घाटी के तीन जिलों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी है और कुछ निश्चित समयावधि के लिए लोगों की आवाजाही की अनुमति दे दी है। हिंसक प्रदर्शनों के बाद देश में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। सेना सड़कों पर पहरा दे रही है लेकिन देश के बाकी हिस्सों में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। इस बीच Gen-Z लीडर ने बताया कि उन्होंने ये आंदोलन क्यों शुरू किया।
जेन-जेड नेता अनिल बनिया ने बताया, “हमने यह आंदोलन बुज़ुर्ग नेताओं से तंग आकर किया था। हमने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आगजनी की और फिर बुनियादी ढांचे में तोड़फोड़ की। ऑनलाइन सर्वे के ज़रिए जेन-जेड नेताओं ने सुशीला कार्की को वोट दिया। हम संविधान बदलने की कोशिश नहीं कर रहे बल्कि उसमें ज़रूरी बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं। छह महीने के अंदर हम चुनाव लड़ेंगे।”
Gen-Z लीडर दिवाकर दंगल ने कहा, “हम नेतृत्व संभालने के काबिल नहीं हैं और नेतृत्व संभालने के लिए हमें परिपक्व होने में समय लगेगा। हमें तोड़ने की कोशिशें हो रही हैं। पार्टी के कुछ सदस्यों को गलतफहमी है कि वे घुसपैठ करके फूट डाल सकते हैं। यह खून-खराबा आपकी (पुराने नेताओं) वजह से है। अगर लोग खून-खराबा शुरू करेंगे तो वे बच नहीं पाएँगे। हम खून-खराबा नहीं चाहते। हम संसद भंग करना चाहते हैं संविधान रद्द नहीं करना चाहते।”
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कौन करेगा नेपाल की अंतरिम सरकार का नेतृत्व?
Gen-Z नेता जुनल गदल ने कहा, “हमें देश के संरक्षक के रूप में सुशीला कार्की (नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश) को सर्वश्रेष्ठ विकल्प के रूप में चुनना चाहिए।” वहीं सूत्रों के मुताबिक, अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुलमन घीसिंग में से किसे अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रदर्शनकारी Gen-Z प्रदर्शनकारियों द्वारा अंतिम रूप से चुना जाएगा।
कैसे हैं नेपाल के हालात?
नेपाल सेना की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि काठमांडू घाटी के तीन जिलों काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में सुबह 6 बजे से कर्फ्यू हटा लिया गया है। सेना द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि आम जनता को आवश्यक कार्यों के लिए कुछ घंटों की आवाजाही की अनुमति देने के बाद प्रतिबंधात्मक आदेश सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक लागू रहेंगे। इसमें कहा गया है कि शाम पांच बजे से सात बजे तक ढील के बाद शुक्रवार शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा।
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन
देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों- संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उससे उचित तरीके से निपटा जाएगा। काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण परिचालन बंद होने के 24 घंटे बाद बुधवार शाम से सेवाएं फिर से शुरू हो गईं। इस बीच, स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार गुरुवार सुबह रामेछाप जिला जेल से बड़े पैमाने पर कैदियों को भागने से रोकने के लिए सेना द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक कैदी घायल हो गए। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अनुसार, रविवार शाम से ‘जेन जी’ समूह के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। बुधवार शाम जारी एक बयान में मंत्रालय ने बताया कि 1,061 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 719 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 274 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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