नेपाल में ‘जेन-जेड’ विरोध प्रदर्शन के दौरान विभिन्न जेलों से हजारों हजारों कैदी फरार हो गए थे। हालांकि अब 7,700 से अधिक कैदी या तो वापस लौट आए हैं या उन्हें उनके संबंधित हिरासत केंद्रों में वापस लाया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों पर भी हमले हुए थे और इसी मौके का फायदा उठाकर ये सभी कैदी फरार हुए थे।
14 हजार कैदी हुए थे फरार
जेल प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 8 और 9 सितंबर को ‘जेन-जेड’ विरोध प्रदर्शनों के दौरान देश भर के हिरासत केंद्रों से कुल 14,558 कैदी भाग गए थे। सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान दस कैदियों की मौत हो गई है, जबकि 7,735 कैदी जेलों में लौट आए हैं।
कुछ कैदी स्वेच्छा से वापस लौट आये हैं, जबकि अन्य को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि विभिन्न जेलों से 6,813 कैदी अभी भी फरार हैं। सरकार ने फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
नेपाल में तख्तापलट के बाद पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखे केपी शर्मा ओली, जानिए क्या कहा
ओली का बयान
नेपाल में जेन-जेड समुदाय के हिंसक विरोध प्रदर्शनों और सत्ता परिवर्तन के कुछ हफ़्ते बाद नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए और उन्होंने नेपाल में सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर हमला बोला। पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने यह भी कहा कि ‘जेन-जेड सरकार’ न तो संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बनी है और न ही जनता के वोट से। नेपाल में हाल के घटनाक्रमों के बारे में आपको जो भी जानकारी चाहिए, वह यहां है।
केएल ओली ने नेपाल में जेन-ज़ी प्रदर्शनकारियों के बारे में कहा, “8 सितंबर को दोपहर बाद जब आप (जेन-ज़ी प्रदर्शनकारी) एवरेस्ट होटल पहुंचे और बैरिकेड पर थे, तो कुछ घुसपैठिए भीड़ में शामिल हो गए। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, इसे शांत करने के प्रयास किए गए और कई जेन-ज़ी प्रदर्शनकारी वापस लौट आए। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों को इन घुसपैठियों ने घेर लिया और आगे धकेल दिया, जिसके कारण नुकसान हुआ और दर्जनों युवाओं की दुखद जान चली गई। मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है और मुझे विश्वास है कि सच्चाई सामने आएगी।”