नासा के न्यू होराइजन अंतरिक्षयान ने पहली बार प्लूटो के बिल्कुल नजदीक से गुजरकर तीन अरब मील दूर सांस थाम कर बैठे वैज्ञानिकों को अपनी ऐतिहासिक सफलता का संदेश भेजा। अंतरिक्षयान के पहली बार सफलतापूर्वक इस बौने ग्रह के इतने करीब पहुंचने के बाद वैज्ञानिकों की 21 घंटे की दुविधा भी खत्म हो गई। नासा ने बुधवार को कहा कि न्यू होराइजन अंतरिक्षयान ने पहली बार प्लूटो पर पहुंचने की सूचना पृथ्वी को दी।

उड़ान के वास्तविक समय के 13 घंटे बाद मिशन के सफल होने की पुष्टि हुई। अंतरिक्षयान ने सोमवार को डाटा जमा करने के लिए बौने ग्रह की तरफ अपने एंटेना को घुमाने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र को सूचना देना बंद कर दिया था। 15 मिनट के रिकार्ड किए गए संदेश के प्राप्त होते ही इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता की पुष्टि हो गई और अब यह कुछ अहम डाटा भेजने के लिए तैयार है जिसमें उच्च क्षमता की कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं।

जैसे ही अंतरिक्षयान ने मिशन मुख्यालय से एक बार फिर संपर्क स्थापित किया, न्यू होराइजन के उड़ान नियंत्रकों ने खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे को गले लगाया।

नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन ने कहा, ‘मैं यह जानता हूं कि हम लोगों ने इस सफलता से समूची नई पीढ़ी के खोजकर्ताओं को प्रेरित किया है और हम और खोजों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ लगभग नौ साल और तीन अरब मील की यात्रा करने के बाद न्यू होराइजन प्लूटो की सतह से सिर्फ 12,500 किलोमीटर दूरी से होकर गुजरा। नासा का यह अंतरिक्षयान बहुत डाटा एकत्र कर रहा है जिसे पृथ्वी पर भेजने में इसको 16 माह का समय लगेगा।

गौरतलब है कि पलूटो को बौने ग्रह के रूप में जाना जाता है और पहली बार इंसान इस बौने ग्रह के इतने करीब पहुंच सका है। कल पूरे दिन उत्साह के साथ तनाव में जीने वाली न्यू होराइजन की टीम ने मिशन के सफल होने की पुष्टि के बाद इस अभूतपूर्व सफलता का जश्न मनाया। मिशन के संचालन केंद्र मैरीलैंड में सुबह उत्साहवर्द्धक जीत का माहौल था। लेकिन जब तक न्यू होराइजन ने पृथ्वी पर संदेश नहीं भेजा तब तक इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि अंतरिक्षयान छोटे और बर्फ से ढंके ग्रह पर पहुंच गया है।

पिछली आधी सदी से ग्रहों पर पहुंचने के लिहाज से यह नासा का अंतिम लक्ष्य था। न्यू होराइजन की यात्रा नौ साल से भी अधिक समय पहले तब शुरू हुई थी जब प्लूटो को पूरी तरह एक ग्रह समझा जाता था। नासा के विज्ञान मिशन के प्रमुख जान ग्रंसफेल्ड ने कहा, वास्तविक मायने में यह मानवीय इतिहास की एक कसौटी है। उन्होंने कहा, यह एक अद्भुत यात्रा थी। नासा ने ट्विटर के माध्यम से इस पूरे अभियान के पुष्टि को लेकर उल्टी गिनती की थी।