भारत और बेल्जियम ने बुधवार को फैसला किया कि दोनों देश आतंकवाद से मिल कर लड़ेंगे। साथ ही जो समूह और देश आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं उसे रोकने के लिए भी मिल कर काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को एक दिन ब्रसेल्स यात्रा पर यहां पहुंचे और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल के साथ कई मुद्दों पर बात की। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया।

बातचीत के बाद जारी साझा बयान में दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी मुद्दा या मकसद निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों को उचित नहीं ठहरा सकता। दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकी नेटवर्क व उनके वित्तीय माध्यमों को बाधित करने, आतंकी पनाहों, प्रशिक्षण ढांचे और आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही को खत्म करने की तत्काल जरूरत है।

मोदी और मिशेल ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या नस्ली समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और ऐसा होना भी नहीं चाहिए। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद कोई सीमा नहीं देखता और इसके मुख्य कारण व अभिव्यक्तियों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिल कर निपटना चाहिए। बयान में कहा गया-‘भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी ने दुख की इस घड़ी में बेल्जियम के प्रति एकजुटता दिखाई और मारे गए लोगों के प्रति गहरा दुख प्रकट किया।’

साझा बयान में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर अगले साल बेल्जियम के राजा फिलिप की भारत की राजकीय यात्रा को लेकर उत्सुकता जताई गई है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की अहम भूमिका और 9000 से अधिक जवानों के बलिदान की सराहना करते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने अक्तूबर, 2014 में बेल्जियम के निवूपोर्त और येप्रेस में आयोजित स्मृति समारोहों में भारत की भागीदारी को याद किया।

प्रधानमंत्री के ब्रसेल्स पहुंचते ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया-‘सुबह-सुबह रेड कार्पेट स्वागत। ब्रसेल्स पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।’ ब्रसेल्स पहुंचने के बाद मोदी ने हाल के आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। वे मालबीक मेट्रो स्टेशन गए और वहां फूल-मालाएं चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। इन हमलों में एक भारतीय नागरिक राघवेंद्रन गणेशन भी मारा गया था जो इन्फोसिस कर्मचारी था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया-‘दुख की इस घड़ी में भारत एकजुटता के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने आधिकारिक कामकाज से पहले मालबीक मेट्रो स्टेशन पर फूल-माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी।’

इससे पहले यूरोपीय संसद के कुछ प्रमुख सदस्यों ने सुबह यहां होटल स्टीनजनबर्गर में मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद इन सासंदों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में यूरोपीय संघ के प्रमुख सहयोगी हो सकते हैं और सक्रियता के साथ उनकी सहभागिता बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि भारत को इस तरह की समस्याओं से निपटने का खासा अनुभव है। सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत करते हुए मोदी को भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर महान ख्याति वाला व्यक्ति करार दिया।

इन सांसदों ने कहा कि यूरोपीय संघ को मोदी की अगुआई में भारतीय नीति निर्माताओं को शामिल करना चाहिए और समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, अंतरिक्ष और साइबर रक्षा सहित परस्पर हित वाले विषयों पर ध्यान देना चाहिए।