मुंबई हमलों के प्रमुख षड्यंत्रकारी जकी उर रहमान लखवी को एक आतंकवाद निरोधक अदालत में जमानत मिलने के एक दिन बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने शुक्रवार को उसके खिलाफ जन सुरक्षा कानून के कड़े प्रावधान लागू कर दिए। इससे उसे तीन महीने और जेल में रहना होगा। जमानत के कागजात अडियाला जेल पहुंचने से पहले ही लखवी (54) को ‘मेंटिनेंस आॅफ पब्लिक आॅर्डर’ (एमपीओ) के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस आशय के आदेश खुद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दिए। अभियोजन प्रमुख चौधरी अजहर ने बताया कि लखवी को शुक्रवार सुबह रावलपिंडी की अडियाला जेल से रिहा किया जाना था लेकिन सरकार ने उसे 16 एमपीओ के तहत तीन महीने के लिए हिरासत में ले लिया।
इससे पहले कि लखवी के वकील जेल अधिकारियों को जमानत का आदेश दिखाएं, अडियाला जेल के अधीक्षक को उसे हिरासत में रखने का आदेश सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने इस बारे में भारत सरकार को भी सूचित कर दिया है। इस्लामाबाद की आतंकवाद रोधी अदालत ने गुरुवार को सबूतों के अभाव में लखवी को जमानत दे दी थी।
अभियोजन प्रमुख ने बताया कि सरकार ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) के फैसले के खिलाफ अपील तैयार कर ली है और इसे आगामी सोमवार को दाखिल करेंगे।
पेशावर के सैनिक स्कूल में तालिबान के 132 स्कूली बच्चों सहित 148 लोगों को मौत के घाट उतार देने के बाद आए इस फैसले ने पाकिस्तान में भी कई लोगों को हैरत में डाल दिया है। गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि नवाज शरीफ सरकार भी एटीसी के फैसले से नाराज हुई क्योंकि उसे ऐसे समय आतंकवाद से युद्ध पर अपनी नीति के लिए भारत से आलोचना का सामना करना पड़ा जब वह अपनी जमीन से आतंकी नेटवर्क को उखाड़ फेंकने का संकल्प कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आगे किसी शर्मिंदगी से बचने के लिए लखवी के जेल से रिहा होने से पहले ही उसे हिरासत में लेने का त्वरित फैसला किया। सूत्र ने कहा कि मामला प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाया गया जिन्होंने तत्काल लखवी की हिरासत का आदेश दिया।
एटीसी के फैसले ने अभियोजन पक्ष के वकीलों को भी हैरत में डाल दिया था जिन्होंने कहा कि लखवी सहित मुंबई हमलों के सात आरोपियों के खिलाफ अभी करीब 15 गवाह पेश किए जाने हैं। मुंबई हमला मामले में 2009 में मुकदमा शुरू होने से लेकर अब तक अभियोजन 46 गवाह पेश कर चुका है।
लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर मुंबई हमलों के सिलसिले में आरोप लगाया गया है।