पाकिस्तान के सिंध प्रांत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल 500 साल पुरानी सभ्यता मोहनजोदड़ो के एक स्तूप से तांबे के सिक्कों से भरा एक बर्तन मिला है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इन सिक्कों से कई नई जानकारी मिलने की उम्मीद की जा रही है। संरक्षण निदेशक (Conservation Director) सैयद शाकिर शाह के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया द न्यूज इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘मजदूर गुरुवार को एक ढही हुई दीवार की खुदाई कर रहे थे, तभी उनकी नजर प्राचीन तांबे के सिक्कों से भरे एक बर्तन पर पड़ी। बर्तन में सावधानीपूर्वक रखे गए सिक्कों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है।’’
सिक्कों पर लिखे शब्दों की भाषा और संख्या पर होगा शोध
उन्होंने कहा, ‘‘इन सिक्कों की भाषा और उन पर अंकित संख्याओं की व्याख्या करने के अलावा यह पता लगाने के लिए शोध किया जाएगा कि ये सिक्के कितने पुराने हैं। सिक्कों की सटीक समय अवधि और अन्य प्रासंगिक विवरणों की पुष्टि प्रयोगशाला में जांच के बाद ही की जा सकती है।’’
UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है यह स्थल
मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक खंडहरों को 1980 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। मोहनजोदड़ो के प्राचीन स्थलों का निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पूरी तरह से कच्ची ईंटों से किया गया था।
मोहन जोदड़ो पर खुदाई के समय बड़ी मात्रा मे ईमारतें, धातुओं की मूर्तियां, और मुहरें आदि मिल चुकी हैं। पिछले 100 वर्षों में अब तक इस शहर के एक-तिहाई भाग की ही खुदाई हो सकी है, और अब वह भी बंद हो चुकी है। माना जाता है कि यह शहर 200 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला था। यहां दुनिया का प्रथम स्नानघर मिला था जिसका नाम बृहत्स्नानागार है और अंग्रेजी में ग्रेट बाथ कहते हैं।
इसके अलावा यहां पर कई अन्य ऐसी चीजें मिली हैं, जिनसे विकास के दौर की कई परतें खुलती रही हैं। कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियां भी यहां मिल चुकी हैं। जिनसे प्राचीन सभ्यता और रहन-सहन की जानकारी मिली थी।