लेबनान की राजधानी बेरुत में मंगलवार को हुए एक बड़े धमाके में कम से कम 70 लोगों की मौत हुई है। वहीं 4 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी है। इस घटना के बाद पूरे अंतरराष्ट्रीय जगत में हलचल है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले 6 साल से एक बंद गोदाम में रखे विस्फोटकों की वजह से यह घटना हुई। हालांकि, अभी धमाके की सही वजहों का पता नहीं लग पाया है।
इस बीच लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने ट्वीट कर कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है कि 2750 टन अमोनियम शहर के बीच असुरक्षित ढंग से रखा गया था। इस मामले में अब जांच बिठा दी गई है। लेबनान की सुप्रीम डिफेंस काउंसिल (रक्षा विभाग) ने कहा है कि घटना के पीछे जो भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें लंबी सजा भुगतनी होगी।
Extraordinary footage of the explosion of Beirut. pic.twitter.com/yBEGzwYeGv
— Saad Mohseni (@saadmohseni) August 4, 2020
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बेरुत में धमाके के बाद से ही हॉस्पिटलों में भीड़ जमा हो गई। जिस जगह धमाका हुआ, वहां से 10 किलोमीटर दूर तक धमाके का असर दिखाई दिया। सैकड़ों इमारतों का मलबा सड़कों पर ही फैला दिखाई दिया, जबकि दुकानों के शीशे भी टूट गए। धमाके के एक चश्मदीद ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि आसपास के इलाकों की सभी बिल्डिंगें तबाह हो गईं। उसने कहा कि आसपास अंधेरा हो चुका है और सड़कों पर उतरे लोग कांच और मलबे के ऊपर से ही निकल रहे हैं।
इस घटना के बाद राष्ट्रपति मिशेल ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इसके साथ ही उन्होंने इमरजेंसी फंड्स के तौर पर 100 अरब लीरा (करीब 495 करोड़ रुपए) रिलीज करने की बात कही। बताया गया है कि धमाके की आवाज 240 किलोमीटर दूर साइप्रस के द्वीप तक सुनी गईं।
अंतरराष्ट्रीय जगत में हलचल: इस धमाके के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक घातक हमला लगता है। ब्रिटेन के राष्ट्रपति बोरिस जॉनसन ने भी ट्वीट कर कहा, “बेरुत से आ रही तस्वीरें और वीडियो चौंकाने वाले हैं। इस हादसे की जद में आने वालों के साथ मेरी प्रार्थनाएं। हम हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।” लेबनान स्थित भारतीय दूतावास ने भी भारतीय समुदाय की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए।