आर्मेनिया को संसद को संबोधित करने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला को अब जान से मारने की धमकिया मिल रही हैं। 28 वर्षीय लिलिट मैरटिरोसयान ने अपने संबोधन में उन लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी जो, यातना, रेप, अपहरण, शारीरिक हिंसा और हत्या के प्रयास का शिकार हुए हैं।
मैटिरोसयान ने इस महीने संसद में तीन मिनट से भी कम का भाषण दिया था। उनका यह भाषण उचित लग रहा था क्योंकि इस दिन असेंबली मानवाधिकार के मुद्दों पर सुनवाई के लिए आयोजित की गई थी। वहीं, असेंबली की मानवाधिकार समिति का नेतृत्व करने वाली नायरा जोहराबयान ने कहा, ‘लेकिन मैटिरोसयान ट्रांसजेंडर लोगों के बारे में बोल रही थी। इसके बाद अचानक हुई प्रतिक्रिया काफी भयानक थी। तुमने हमारे एजेंडे का उल्लंघन किया है।’
जोहराबयान ने कुछ मिनट पहले ही मैरटिरोसयान को बोलने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन ऐसा लग रहा था कि वे इस बात से अनभिज्ञ थीं कि मैरटिरोसयान ट्रांसजेंडर हैं और वे जेंडर बेस्ड हिंसा और भेदभाव पर बोलने जा रही हैं। कंजर्वेटिव विपक्ष प्रोस्परस आर्मेनिया पार्टी की सदस्य जोहराबयान ने मैरटिरोसयान पर संसद का अपमान करने का आरोप लगाया और मानवाधिकारों का बचाव किया।
मैरटिरोसयान और उनका संगठन राइट साइड आर्मेनिया में ट्रांसजेंडर लोगों के मानवाधिकार के लिए अभियान चलाता है। इस संगठन को टेलीफोन पर और व्यक्तिगत रूप से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। राइट साइड के एक एक्टिविस्ट ने शुक्रवार को फोन पर बताया कि हमारा समुदाय डर में जी रहा है।
वे लोग घूमने के लिए बाहर या दुकान आदि पर नहीं जा सकते हैं। एक ऑनलाइन वीडियो में सेना की वर्दी पहले ने शख्स ने घोषणा कि है कि वे जहां भी ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट को देंखे तो उनकी हत्या कर दें। लोकल मीडिया ने मैरटिरोसयान और उनके सह कर्मी के घर का पता प्रकाशित कर दिया है।
कुछ लोग मैरटिरोसयान के घर पर अमेरिका का झंडा भी लगा गए हैं। खबर है कि मैरटिरोसयान ने पुलिस में खुद को मिल रही धमकियों के बारे में शिकायत दर्ज करा दी है। उनके समूह ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिया है।