पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय की मनीषा रोपेटा को सिंध पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनाती मिली है। ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय की महिला को पुलिस विभाग में इतने वरिष्ठ पद पर पुलिस में तैनाती मिली हो। वैसे भी पाकिस्तान एक पुरुष प्रधान देश माना जाता है और बहुत कम ही महिलाओं को बड़े पदों पर बैठाया जाता है।

मनीषा रोपेटा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “मैंने और मेरी बहनों ने बचपन से ही पितृसत्ता की वही पुरानी व्यवस्था देखी है जहाँ लड़कियों से कहा जाता है कि अगर उन्हें शिक्षित होना है और काम करना है तो यह केवल शिक्षक या डॉक्टर के रूप में ही हो सकता है। महिलाएं हमारे समाज में सबसे अधिक उत्पीड़ित हैं और कई अपराधों शिकार बनतीं हैं और मैं पुलिस में शामिल हुई क्योंकि मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में ‘रक्षक’ महिलाओं की आवश्यकता है।”

मनीषा रोपेटा पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के जैकाबाबाद से हैं और अभी वह ट्रेनिंग पर हैं। मनीषा को ल्यारी क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है और क्षेत्र आपराधिक गतिविधियों के लिए मशहूर है। इसलिए मनीषा को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। मनीषा रोपेटा ने कहा, “मैं एक नारीकरण अभियान का नेतृत्व करना चाहती हूं और पुलिस बल में लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना चाहती हूं। मैं खुद हमेशा पुलिस के काम से बहुत प्रेरित और आकर्षित रही हूं।”

मनीषा रोपेटा 5 भाई बहन हैं और उनकी 3 बहनें डॉक्टर हैं जबकि उनका छोटा भाई भी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। मनीषा रोपेटा के पिता जैकबाबाद में व्यापारी थे। जब वह 13 साल की थीं, तब उनका निधन हो गया, जिसके बाद उनकी मां अपने बच्चों को कराची ले आईं और उनका पालन-पोषण किया।

मनीषा रोपेटा ने कहा, “मैं एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा को पास करने में एक अंक से असफल रही थीं। मैंने तब अपने परिवार को बताया कि मैं फिजिकल थेरेपी में डिग्री ले रहीं हूं, लेकिन साथ ही मैंने सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए तैयारी की और मैंने 468 उम्मीदवारों में से 16वां स्थान हासिल किया।”