मालदीव की सरकार ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि इसके राष्ट्रपति अपनी नौका पर हुए एक जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे थे, पर एफबीआइ ने उप राष्ट्रपति की गिरफ्तारी का कारण बने बम विस्फोट के लिए कोई साक्ष्य नहीं पाया है। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन 28 सितंबर को अपनी स्पीडबोट पर हुए एक विस्फोट में बाल-बाल बच गए थे पर इसमें उनकी पत्नी आंशिक रूप से घायल हो गई थी और अधिकारियों ने इसे राष्ट्रपति की जान लेने की कोशिश बताया था।
पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में एक करीब एक महीने के पश्चात कई सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उपराष्ट्रपति अहमद अदीब को गिरफ्तार कर लिया जिससे इस द्वीप समूह में नये सिरे से राजनीतिक संकट की आशंका जोर पकड़ने लगी।
गृहमंत्री उमर नसीर ने बताया कि उन्होंने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) से एक रिपोर्ट प्राप्त की थी जिसमें ऐसा कोई सबूत नहीं पाया कि बम के चलते विस्फोट हुआ था। लेकिन नसीर ने अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट को अनिर्णायक बताते हुए कहा कि सउदी अरब एवं श्रीलंका के जांचकर्ताओं ने एक बम होने की संभावना की पुष्टि की है।
नसीर ने राजधानी माले में संवाददाताओं को बताया, ‘‘एफबीआइ रिपोर्ट में सिर्फ यह बताया गया है कि मौके से ऐसा कोई निर्णायक सबूत नहीं पाया गया जो यह बताता हो कि विस्फोट के लिए विस्फोटक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी टीम ने 10 नमूने लिए थे लेकिन उनमें से किसी में भी विस्फोटक नहीं मिला। उन्होंने नतीजों को जारी किए बगैर कहा, ‘‘सऊदी फोरेंसिक टीम ने विश्लेषण के लिए कुल छह नमूने लिए। एक नमूने से उच्च श्रेणी के विस्फोटक का पता चला। इन नतीजों का श्रीलंका की टीम ने भी समर्थन किया है।’’
मालदीव ने अमेरिका, सऊदी अरब, श्रीलंका, भारत और ऑस्ट्रेलिया से विस्फोट जांच में मदद करने को कहा है। विस्फोट के बाद से राष्ट्रपति ने अपनी सुरक्षा में बड़े बदलाव करने के आदेश दिए हैं और अपने कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। वहीं अदीब के कई सहयोगियों को गिरफ्तार भी किया गया है। नसीर ने रविवार को बताया कि आठ संदिग्ध देश से भाग गए हैं और उनके श्रीलंका एवं थाईलैंड तथा अन्य अज्ञात देशों में छिपे होने की जानकारी है।
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