लक्षद्वीप को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करना मालदीव को भारी पड़ता नजर आ रहा है। भारत की कड़ी आपत्ति के बाद मालदीव ने अपने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया है। इसके बाद भी यह विवाद रुका नहीं है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने ही घर में घिरते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू हो गई है। मालदीव की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने यह मांग की है। भारत इस मामले को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विदेश मंत्रालय ने मालदीव के उच्चायुक्त को तलब कर इस मामले में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को दखल देने को कहा है।

मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

मालदीव के अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर मुइज्जू को हटाने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हम डेमोक्रेट्स देश की विदेश नीति की स्थिरता बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश को अलग थलग होने से बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। क्या आप राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को सत्ता से हटाने की इच्छा रखते हैं? क्या MDP अविश्वास प्रस्ताव में मतदान के लिए तैयार है। इससे पहले मालदीव की पूर्व उपसभापति ईवा अब्दुल्ला की ओर से भी पीएम मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को शर्मनाक बताया गया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि जिस तरह के बयान दिए हैं उससे भारतीयों की नाराजगी जायज है।

मालदीव को लग सकता है बड़ा झटका

मालदीव को विवादित टिप्पणी से बड़ा झटका लगा है। मालदीव के लिए भारतीय पर्यटक अपनी बुकिंग रद्द कर रहे हैं। इससे मालदीव के टूरिज्म सेक्टर पर असर पड़ रहा है। वहां की टूरिज्म एसोसिएशन भी इस बात को लेकर बेहद नाराज बताई जा रही है। मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) की ओर से बयान जारी कर विवादित टिप्पणी की ना सिर्फ निंदा की गई है बल्कि माफी भी मांगी गई है।

मालदीप टूरिज्म एसोसिएशन का कहना है कि भारत हमारा निकटतम पड़ोसी और सहयोगी है। इतिहास में जब भी हमारा देश संकट से घिरा तो सबसे पहले भारत की तरफ से ही प्रतिक्रिया आई है। भारत ने कोविड-19 के बाद इससे हमारे टूरिज्म सेक्टर को उबरने में बड़ी मदद मिली है।