मलेशिया की एक स्कूली किताब में लड़कियों के निजी अंगों से जुड़ा कंटेंट छपने विवाद हो गया है। हालांकि मामले में विवाद ज्यादा होने पर मलेशिया की सरकार ने प्राथमिक-स्कूल की पाठ्यपुस्तक को बदलने का निर्णय लिया है। विवादित पुस्तक में सुझाव दिया गया था कि लड़कियों को यौन शोषण को रोकने के लिए संयमित ढंग से कपड़े पहनने चाहिए। इस मामले में अधिकारियों ने बुधवार (16 जनवरी, 2019) को कहा पुस्तक में इस तरफ की टिप्पणी के बाद लोगों में आक्रोस का माहौल पैदा हो गया। दरअसल सोशल मीडिया में विवादित पुस्तक के एक हिस्से को प्रकाशित कर दिया गया। इससे समाज का एक वर्ग खासा नाराज हो गया। खबर है कि विवादित कंटेंट 9 साल की एक बच्ची की पुस्तक में था। पुस्तक के एक पाठ में चित्रों की सीरीज के जरिए विवादित कंटेंट था। इसमें एक छात्रा के माता-पिता उसे सलाह दे रहे हैं कि वह अपने निजी अंगों को ढकने के लिए पूरी पोशाक पहनकर स्कूल जाए। पाठ्यक्रम में छात्रा को यह भी सलाह दी गई कि कपड़े बदलते समय वह अपने कमरे का दरवाजा बंद रखे। इसके अलावा शांत स्थानों से समय बिताने से भी छात्रा बचे।
किताब के विवादित कंटेंट में आगे लिखा गया कि अगर वह अपने ऊपर हमले को रोकने में विफल रहती है तो छात्रा के परिवार को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगा। उसे अपने दोस्तों से शर्मिंदा होना पड़ेगा। इसके अलावा भावनात्मक समस्याओं का भी सामना करना पड़ेगा। वहीं किताब के कंटेंट का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि किताब छात्राओं को छोटी उम्र में यह सिखा रही है कि महिलाओं पर यौन हमले के लिए सिर्फ वही जिम्मेदार हैं। मामले में एक महिला अधिकार संगठन की उपाध्यक्ष मीरा ने कहा कि हम स्तब्ध हैं। पढ़ाया जा रहा कंटेंट महज 9 वर्ष की छात्राओं के लिए था। यह उन्हें अपने शरीर पर शर्म करना सिखाता है। पाठ्यक्रम पर विवाद बढ़ने पर शिक्षा मंत्रालय ने विवादित कंटेंट को ढकने को कहा है।