नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की राम जानकी मंदिर की यात्रा के दौरान उनके साथ भारतीय मूल के आंदोलनरत मधेसियों द्वारा कथित तौर पर ‘दुर्व्यवहार किए जाने’ के मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। जांच समिति से कहा गया है कि वह सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपे।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने बताया कि समिति में संयुक्त सचिव विनोद केसी समन्वयक होंगे तथा डीआईजी बहादुर पाल, आर्र्म्ड पुलिस फोर्स के अरविंद धीटल तथा जांच निदेशक यदुलाल खरेल सदस्य के तौर पर होंगे।

बीते 16 दिसंबर को युनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट (यूडीएफएफ) के कार्यकर्ताओं ने नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति की राम जानकी मंदिर की यात्रा का विरोध किया था तथा इस दौरान उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए थे। नेपाल के महिला आयोग ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है।