नेपाल के ऐतिहासिक जनकपुर शहर में मंगलवार को आंदोलनकारी मधेसियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच संघर्ष में करीब 100 लोग घायल हो गए। दक्षिणी शहर जनकपुर में संघर्ष शुरू होने के साथ पूरे दिन तनाव बना रहा। शहर यहां से 225 किलोमीटर दूर है और यहां प्रसिद्ध राम जानकी मंदिर स्थित है। काठमांडो पोस्ट की खबर के अनुसार संघर्ष में करीब 45 सुरक्षाकर्मी और मधेसी मोर्चे के 55 कार्यकर्ता घायल हो गए। मधेसियों की अधिकतर आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। मधेसी अधिक प्रतिनिधित्व की मांग करते हुए नए संविधान के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। वे सात प्रांतों की व्यवस्था के तहत अपनी पैतृक गृहभूमि के विभाजन का भी विरोध कर रहे हैं।
खबर के अनुसार विस्तृत अधिकारों की मांग को लेकर नए संविधान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मधेस केंद्रित दलों के गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा के समर्थकों ने जानकी पुलिस थाने में पत्थर फेंके। सुरक्षा कर्मियों ने जवाब में लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। अखबार ने मुख्य जिला अधिकारी कालीप्रसाद अधिकारी के हवाले से कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के 21 राउंड गोले दागे।
मधेसियों ने मोर्चे के प्रमुख नेता और सदभावना पार्टी के प्रमुख राजेंद्र महतो के शनिवार को पुलिस और मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच एक संघर्ष में घायल होने के बाद आक्रामक विरोध प्रदर्शनों का सहारा लिया। पिछले तीन दिनों से स्कूल और कालेज बंद हैं। व्यापार गतिविधियां और बाजार भी पूरी तरह ठप पड़े हैं। इसी बीच सदभावना पार्टी की धनुसा इकाई के प्रमुख संजय कुमार सिंह ने सरकार और प्रशासन पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनुचित बल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।