लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा को पाकिस्तान आर्मी का नया चीफ बनाया गया है। वह मंगलवार (29 नवंबर) से चार्ज लेंगे। उस दिन जनरल राहिल शरीफ अपनी सर्विस से रिटायर हो जाएंगे। जावेद बाजवा बलूच रेजिमेंट के हैं और फिलहाल रावलपिंडी के जनरल हेडक्वाटर में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ ट्रेंनिंग एंड एवेल्यूशन के पद पर काम कर रहे थे। बाजवा को कश्मीर एक्सपर्ट के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कश्मीर बॉर्डर के आस-पास के इलाकों में उनकी काफी बार तैनाती हुई है। उन्होंने 10 कोर का भी नेतृत्व किया है जो नियंत्रण रेखा के क्षेत्रों का जिम्मा संभालती है। मेजर जनरल के तौर पर बाजवा ने सेना की उत्तरी कमान का नेतृत्व किया। 10 कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर भी सेवा दी। 10 कोर शियाचिन ग्लेशियर और उत्तरी कश्मीर पर नजर रखने का काम करती थी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार (26 नवंबर) को चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जुबैर हयात को फोर-स्टार जनरल के रूप में पदोन्नति देकर सीजेसीएससी नियुक्त किया। वह सबसे वरिष्ठ सेवारत सैन्य अधिकारी हैं।

माना जा रहा है कि बाजवा की न्युक्ति से शायद ही भारत को कोई खास फर्क पड़े। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स को मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा अतिवाद को भारत से ज्यादा पाकिस्तान के लिए खतरा मानते हैं। पाकिस्तानी आर्मी के एक सीनियर अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा के साथ 10 कोर में तैनात थे उन्होंने कहा कि बाजवा चर्चाओं में रहना पसंद नहीं करते और अपने सैनिको के साथ काफी अच्छे से जुड़े हुए हैं। बाजवा का एक और भारतीय भी कनेक्शन है। ब्रिगेडियर के तौर पर उन्होंने यूएन के शांति बनाने के कांगो मिशन में हिस्सा लिया था। वह कांगो में पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के साथ संयुक्त राष्ट्र के मिशन में ब्रिगेड कमांडर भी रहे। सिंह ने वहां एक डिवीजन कमांडर के तौर पर सेवा दी थी। वहीं बाजवा ब्रिगेड कामंडर थे।

जनरल शरीफ को 2014 में आर्मी चीफ बनाया गया था। पिछले 20 सालों में शरीफ पहले ऐसे पाकिस्तानी कमांडर बने जो समय पर अपने पद से हट गए। उनसे पहले के लगभग सभी आर्मी चीफ ने तीन साल के बाद एक्सटेंशन ले लिया था।