दक्षिण कोरिया के शनिवार को उत्तर कोरिया से लगी तनावपूर्ण सीमा पर प्योंगयांग विरोधी ‘दुष्प्रचार’ जारी रखने के बाद उत्तर कोरिया ने युद्ध की धमकी दी है। उत्तर कोरिया के कथित चौथे परमाणु परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया ने उसके खिलाफ कथित तौर पर दुष्प्रचार शुरू कर दिया है। सोल ने करीब पांच महीने में पहली बार शुक्रवार को सीमा के आर पार होने वाले प्रसारण को बहाल किया। इसमें उत्तर कोरिया और उसके अधिनायकवादी नेतृत्व की आलोचना की गई है।

प्योंगयांग ने कहा है कि प्रसारण युद्ध के समान है। प्योंगयांग के किम इल सुंग स्क्वायर पर एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए सत्तरूढ़ पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि परमाणु बम गिराने में सक्षम अमेरिकी लड़ाकू विमानों को दक्षिण में तैनात करने की संभावना पर वाशिंगटन और सोल के बीच वार्ता के साथ ही इन प्रसारणों ने कोरियाई प्रायद्वीप को युद्ध के कगार पर ला दिया है। वर्कर्स पार्टी सचिव किम की नाम ने सरकारी टीवी पर शुक्रवार रात प्रसारित टिप्पणी में कहा कि उत्तर कोरिया के प्रतिद्वंदी उसके सफल हाइड्रोजन बम परीक्षण से जलते हैं।

दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने शुक्रवार को करीब 10 स्थानों पर लाउडस्पीकरों के जरिए दुष्प्रचार शुरू कर दिया। लेकिन सीमा पर उत्तर कोरिया की सेना की कोई असामान्य गतिविधि देखने को नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कोरिया के लाउडस्पीकरों से प्रसारण करीब 10 किलोमीटर तक दिन में और रात में करीब 24 किलोमीटर तक सुना जा सकता है। दक्षिण कोरिया के प्रसारणों में खबरें और पॉप संगीत भी शामिल हैं लेकिन ज्यादातर कार्यक्रमों में उत्तर कोरिया सरकार को सीधे तौर पर चुनौती दी जा रही है। दक्षिण की योनहॉप समाचार एजंसी ने बताया कि सोल ने मिसाइलें, तोपखाना और अन्य हथियार प्रणालियां सीमा के पास तैनात की हैं ताकि उत्तर कोरिया के किसी भी उकसावे से शीघ्र निपटा जा सके। लेकिन मंत्रालय ने इन खबरों की पुष्टि नहीं की है।

इस बीच, पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइल के परीक्षण का टीवी फुटेज दिखाते हुए और अपने ताजा परमाणु परीक्षण का बचाव करते हुए उत्तर कोरिया ने पश्चिम एशिया के दो देशों से सत्ता से हटाए गए दो नेताओं का हवाला दिया। शुक्रवार देर रात सरकारी समाचार एजंसी केसीएनए पर प्रकाशित एक टिप्पणी में कहा गया है कि इराक में सद्दाम हुसैन और लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के साथ जो कुछ हुआ, वह यह दर्शाता है कि जब देश अपनी परमाणु हथियार महत्त्वाकांक्षा को त्याग देते हैं तो क्या होता है।

टिप्पणी में कहा गया है कि प्योंगयांग द्वारा किया गया चौथा परमाणु परीक्षण ‘बड़ी घटना’ है जो उत्तर कोरिया को अमेरिका सहित अन्य सभी दुश्मन देशों से अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए निवारक शक्ति प्रदान करता है। इसने कहा कि इतिहास ने साबित किया है कि परमाणु प्रतिरोधक क्षमता बाहरी आक्रमणों के खिलाफ शक्ति प्रदान करती है। टिप्पणी में कहा गया है कि इराक में सद्दाम हुसैन का शासन और लीबिया में गद्दाफी का शासन विनाश से नहीं बच सका क्योंकि उन्हें परमाणु हथियारों का विकास करने से वंचित कर दिया गया और उन्होंने अपनी सहमति से अपने परमाणु कार्यक्रम त्याग दिए।