नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा है कि पिछले सप्ताह सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देश भर में हिंसा और विनाश में शामिल रहे लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। कार्की (73) ने सुबह करीब 11 बजे काठमांडू के सिंह दरबार सचिवालय में स्थित गृह मंत्रालय भवन में पदभार ग्रहण किया।
कार्की ने घोषणा की कि Gen Z प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को ‘‘शहीद’’ घोषित किया जाएगा और उनके परिजनों को दस लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने Gen Z समूह की सिफारिश पर अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। इस समूह के हिंसक प्रदर्शन के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई थी।
सुशीला कार्की के सामने नेपाल को खराब दौर से निकालने की चुनौती
पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि हिंसा और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति के विनाश में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
आगजनी और तोड़फोड़ ‘‘सुनियोजित”
कार्की ने कहा कि नौ सितंबर के विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई आगजनी और तोड़फोड़ ‘‘सुनियोजित” थी और Gen Z प्रदर्शनकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे। कार्की ने कहा, ‘‘जिस तरह की आगजनी और तोड़फोड़ हुई है, वह एक आपराधिक कृत्य है। इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए।’’
कार्की ने मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल को देश भर में नष्ट हुई पुलिस चौकियों की मरम्मत का प्रबंध करने का भी निर्देश दिया। दो-दिवसीय आंदोलन के दौरान सिंह दरबार सचिवालय स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दी गई थी, इसलिए सिंह दरबार परिसर में गृह मंत्रालय के लिए नवनिर्मित भवन का उपयोग प्रधानमंत्री कार्यालय के रूप में किया जाएगा।
केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को तब इस्तीफा दे दिया था, जब सैकड़ों आंदोलनकारी उनके कार्यालय में घुस गए। हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है।