खालिस्तानी समर्थकों ने शनिवार (2 जुलाई) की देर रात अमेरिका में भारतीय दूतावास को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद अमेरिका की ओर से इसे लेकर सख्त रुख सामने आया है। यह हरकत सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के 8 जुलाई से विदेश में बने भारतीय दूतावासों को घेरने के ऐलान के अगले ही दिन की गई है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) मामले की जांच कर रही है। 

अमेरिकी चैनल दीया टीवी ने बताया कि खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने रात 1:30 से 2:30 बजे के बीच भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगा दी। लेकिन सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग ने इसे तुरंत बुझा दिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नुकसान ज़्यादा नहीं हुआ है और कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ है। कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने घटना के संबंध में एक वीडियो जारी किया है। हालांकि इस वीडियों के सही होने की पुष्टि नहीं की गई है।

अमेरिका ने की कड़ी निंदा

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इस मामले को लेकर  ट्वीट किया और कहा, “अमेरिका शनिवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। अमेरिका में राजनयिक सुविधाओं या विदेशी राजनयिकों के खिलाफ बर्बरता या हिंसा एक अपराध है।”

इससे पहले भी हो चुके हैं इस तरह के मामले

यह ताज़ा घटना मार्च में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला करने के कुछ महीनों बाद हुई है।

जिसकी भारत सरकार और भारतीय-अमेरिकियों ने तीखी निंदा की थी। भारत की ओर से इसे लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।

कुछ महीनों पहले खालिस्तान समर्थकों ने नारे लगाते वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर जाकर तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे। वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया था। भारत सरकार की ओर से खालिस्तानी समर्थकों को लेकर कड़ा रुख सामने रखा गया है।