ब्रिटेन में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गाइड करने वाले अवतार सिंह खांडा की मौत हो गई है। वह ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहा था और कुछ दिन पहले उसे बर्मिंघम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। खांडा आईसीयू में लाइफ सपोर्ट पर था और पिछले कुछ दिनों से उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। अस्पताल में देर रात उसने दम तोड़ दिया।

खांडा लंदन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले का मुख्य आरोपी था, जिसके बाद से एनआईए उसको भारत लाने की कोशिश में जुटा था। अमृतपाल के अलावा, खांडा की दीप सिद्धू से भी काफी अच्छी बातचीत थी। अमृतपाल से पहले दीप सिद्धू ही वारिस पंजाब दे ग्रुप को चलाता था।

खांडा एक बम विशेषज्ञ था और 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत के झंडे को नीचे खींचने के पीछे का मास्टरमाइंड भी था। एनआईए ने इस घटना के संबंध में खांडा और तीन अन्य अलगाववादियों की पहचान मुख्य आरोपी के रूप में की थी।

खांडा के पिता कुलवंत सिंह भी केएलएफ ग्रुप का हिस्सा थे और एक खालिस्तान समर्थक थे। 2012 में वहां शरण लेने से पहले वह 2007 में स्टडी वीजा पर यूके गया था। वह कथित तौर पर जनवरी 2020 से एक कोड नाम रणजोध सिंह के तहत केएलएफ का नेतृत्व कर रहा था। उससे पहले हरमीत सिंह ग्रुप का प्रमुख था, जिसकी 2020 में पाकिस्तान में हत्या हो गई थी।

ऐसा माना जाता था कि दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद वारिस पंजाब दे के प्रमुख के रूप में अमृतपाल सिंह को स्थापित करने में खांड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अमृतपालि सिंह ने 37 दिन फरार रहने के बाद 23 अप्रैल को पंजाब के मोगा के एक गुरुद्वारे में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और इस समय वह असम की जेल में है। उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है, जहां उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह सहित उसके 8 अन्य सहयोगी को भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत रखा गया है।