पाकिस्तान में इमरान खान और शहबाज शरीफ सरकार के बीच चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। शरीफ पीटीआई नेता को किसी भी सूरत में जेल भेजने पर आमादा हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान की न्यायपालिका से इमरान खान को लगातार सुरक्षा कवच मिल रहा है। लेकिन इस सारे घटनाक्रम के बीच एक पत्रकार की गुमशुदगी पुलिस के गले की हड्डी बन गई है। इतनी कि लाहौर हाईकोर्ट को जवाब देने में आईजी का पसीना छूट गया।

सियालकोट एयरपोर्ट से अरेस्ट हुआ था इमरान नियाज खान

दरअसल पाकिस्तान के एक पत्रकार इमरान नियाज खान को पुलिस ने सियालकोट एयरपोर्ट से 11 मई को गिरफ्तार किया था। नियाज के पिता ने पुलिस के अफसरों के साथ कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ 16 मई को केस दर्ज कराया था। सुराग नहीं मिला तो वो लाहौर हाईकोर्ट तक जा पहुंचे। 19 मई को मोहम्मद ने आंसुओं से भरी आंखों से चीफ जस्टिस से गुहार लगाई कि अपने देश पर रहम करिए। कानून से मत खेलिए।

पत्रकार के पिता का कहना था कि सभी जानते हैं कि उनके बेटे को किसके हवाले किया गया। ये पाकिस्तान का सच है। लोग यहां से गायब हो जाते हैं। चीफ जस्टिस से उन्होंने कहा कि उनके बेटे का केवल इतना कसूर था कि वो सच बोल रहा था। मैंने उसे सच बोलना ही सिखाया है। लेकिन यही चीज उसकी जान पर बवाल बन गई।

हाईकोर्ट में दूसरी एजेंसियों पर ठीकरा फोड़ने लगे आईजी

लाहौर हाईकोर्ट के जज मुहम्मद अमीर भट्टी ने पाकिस्तान पुलिस से जवाब तलब किया था। उन्होंने पत्रकार को कोर्ट में पेश करने का हुक्म दिया था। लेकिन आईजी पुलिस डॉ. उस्मान अनवर ने कोर्ट को बताया कि नियाजी का पाकिस्तान की किसी भी जेल में कोई सुराग नहीं मिल सका है। चीफ जस्टिस ने तल्ख रवैये में आईजी से पूछा- कोई डवलपमेंट है कि नहीं। आईजी का कहना था कि पत्रकार की उन्हें जरूरत नहीं थी। लेकिन एजेंसियों ने एक पुलिस वैन की मांग की थी। आप उनसे क्यों नहीं पूछते कि उन लोगों ने वैन क्यों मांगी थी।

चीफ जस्टिस बोले- नहीं मिला पत्रकार तो पुलिस को भुगतने होंगे परिणाम

चीफ जस्टिस ने आईजी से कहा कि पत्रकार को नहीं तलाश कर पाए तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वो सरकार की मदद क्यों नहीं लेते। आईजी बोले कि आप सरकार को क्यों नहीं बुलाते। चीफ जस्टिस ने दो टूक कहा कि इमरान नियाज खान को कुछ भी हुआ तो वो किसी को नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना था कि वो पुलिस को आखिरी मौका दे रहे हैं। पत्रकार को हाईकोर्ट में पेश किया जाए।