जनसत्ता संवाद
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा वहां की विवादित राजनीतिक हस्ती रहे हैं। इन दिनों वह राजनीति से अलग कारणों से चर्चा में हैं। वह एक म्यूजिक एल्बम तैयार करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें खुद गाने गाएंगे। यह एल्बम अप्रैल में डरबन में एक समारोह के सीधा प्रसारण में रिकॉर्ड किया जाएगा और 2019 में जारी किया जाएगा। इस एल्बम की खासियत होगी इसके नस्लभेद-रंगभेद विरोधी गाने। ये उस दौर के गाने हैं, जब दक्षिण अफ्रीका आजाद नहीं हुआ था। जैकब और उनके साथियों का कहना है कि यह एल्बम तैयार कर वे लोग देश की संस्कृति विरासत को संरक्षित कर रहे है। वहां के एथेक्विनी जिले का प्रशासन इस एल्बम के लिए धन मुहैया कराएगा। इसी जिले में शहर डरबन और क्वाजुलु-नटाल स्थित है, जो जुमा का गृह क्षेत्र भी है। वहां की नगरपालिका में संस्कृति विभाग के प्रमुख थेम्बिनकोसी नकोबो का कहना है, ‘ये गाने हमें याद दिलाते हैं कि हम कहां से आए और कैसे हमारे देश के साथ धोखा किया गया।’ हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस ने जुमा और उनके साथियों की कवायद को संसाधनों की बर्बादी करार दिया है। अपनी राजनीतिक जनसभाओं में जुमा अक्सर अपना मशहूर गीत गाते हैं- ‘अबुलेथ उमशिनी वामी (ब्रिंग मी माइ मशीनगन)।’ 76 साल के जैकब जुमा का यह ट्रेडमार्क गीत है। वह 2009 से सत्ता में थे। उनकी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने ही उन्हें फरवरी 2018 में सत्ता से हटा दिया। उनके खिलाफ नब्बे के दशक के एक हथियार सौदे से जुड़े कुल 1.8 मिलियन पौंड के भ्रष्टाचार के कई मामलों में जांच चल रही है।

जुमा के प्रस्तावित एल्बम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा हो रही है। उनका ट्रेडमार्क गीत दरअसल दक्षिण अफ्रीका की आजादी की लड़ाई का प्रतीक-गीत भी है, जिसे अक्सर विरोध-प्रदर्शनों के दौरान गाया जाता है। जुमा की लोकप्रियता बढ़ाने में उनके गाए गीतों की अहम भूमिका रही है। उनके विरोधी भी मानते हैं कि अपने गायन, अपनी बैरिटोन आवाज और स्केचिंग डांस स्टेप्स के जरिए वह लोगों के साथ अनौपचारिक, दोस्ताना और सर्वसुलभ व्यक्ति के रूप में अपना संबंध आसानी से स्थापित कर लेते हैं। उनके प्रस्तावित एल्बम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति का समूह लेडीस्मिथ ब्लैक मम्बाजो साथ गाएगा। जुमा के मैनेजर जोलानी माजोजी के मुताबिक, यह समूह एल्बम के लिए कुछ विशेष गाने गाएगा। इस समूह के संस्थापक रहे जोसेफ शाबालाला ने रंगभेद-नस्लभेद विरोधी आंदोलन में वे गाने गाए थे। थेम्बिनकोसी नकोबो के मुताबिक, हमने इस समूह से संपर्क किया था कि डरबन के समारोह में वे शामिल हों, लेकिन उनलोगों ने आगे बढ़कर हमें रिकॉर्डिंग के लिए अपना स्टूडियो तक देने की पेशकश की है। समूह लेडीस्मिथ ब्लैक मम्बाजो के स्टूडियो का जुमा इस्तेमाल करेंगे। इस स्टूडियो का इस्तेमाल 2014 के ग्रैमी पुरस्कार विजेता एल्बम पीस अराउंड द वर्ल्ड को तैयार करने में किया गया था। इसी स्टूडियो में 2018 के ग्रैमी विजेता शाका जुलु रीविजिटेड अल्बम को भी तैयार किया गया था।