Jamia Suspend MoU With Turkey: पाकिस्तान का समर्थनक तुर्की बुरी तरह फंस चुका है। उसे अलग-अलग तरीके से भारत द्वारा बड़े और तगड़े झटके दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने भी तुर्की के साथ अपना करार समाप्त कर लिया है। यूनिवर्सिटी ने खुद इसकी जानकारी दी है, इससे पहले जेएनयू ने भी ऐसा ही कठोर फैसला लिया था, राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया था।
जामिया ने क्या बोलकर तुर्की को दिया झटका
जामिया यूनिवर्सिटी ने एक जारी बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुक्षा को ध्यान में रखते हुए जामिया के तुर्की की सरकार के साथ जो भी MoU साइन किए गए हैं, वो तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किए जाते हैं। जामिया इस समय देश के साथ मजबूती से खड़ा है। वैसे जामिया से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा का ही हवाला देकर जेएनयू ने भी तुर्की के साथ सारे करार सस्पेंड कर दिए थे। अब कुछ लोग इसे तुर्की के खिलाफ भारत की एजुकेशन स्ट्राइक मान रहे हैं। इससे पहले एप्पल और मार्बल स्ट्राइक ने तो तुर्की को पहले ही मुश्किल में डाल दिया है।
तुर्की को कई झटके दिए गए
असल में भारत सरकार ने खुद कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन लोगों ने खुद ही तुर्की के बायकॉट का ऐलान किया है। उसके पाकिस्तान को दिए गए समर्थन को हल्के में नहीं लिया जा रहा है, उस देश को पूरी तरह आइसोलेट करने की बात हो रही है। आंकड़े बताते हैं कि कई लोगों ने तुर्की जाने वाली अपनी टिकट तक कैंसिल करवा दी हैं, वहां के पर्यटन को ऐसे झटका देने की तैयारी है। इसके अलावा उसकी मार्बल इंडस्ट्री को भी करोड़ों का नुकसान देने की तैयारी है।
तुर्की के प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का फैसला
भारत की मार्बल स्ट्राइक
मार्बल का सबसे बड़ा व्यापार केंद्र माने जाने वाला उदयपुर अब तुर्की से ही मार्बल आयात नहीं करने वाला है। असल में उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने दो टूक कहा है कि जब तक तुर्की पाकिस्तान को समर्थन देगा, उसके साथ कोई व्यापार नहीं किया जाएगा। अब जानकारी के लिए बता दें कि भारत तुर्की से 14 से 10 टन तक मार्बल साल का आयात करता है, इसे कुल संख्या का 70 फीसदी माना जाएगा। तुर्की को इससे 2500 से 3000 करोड़ तक का फायदा पहुंचता है। लेकिन एक दोस्ती उसे अब इस फायदे से भी वंचित कर सकती है।
तुर्की पर एप्पल स्ट्राइक
इसी तरह तुर्किश एप्पल को लेकर भी भारत में लोग अब सख्त हो गए हैं। भारत-पाक तनाव के बीच बाजार से तुर्किश सेब भी गायब हो चुके हैं, मांग तक यहां की जा रही है कि पूरी तरह इन पर बैन लगा दिया जाए। आंकड़ों में बात करें तो भारत दुनिया के 40 मुल्कों से 3 लाख से 5 5 लाख टन तक सेब मंगवाता है, वहां भी तुर्की से तो 2023-24 में देश ने 1 लाख 60 हजार टन सेब मंगवाए थे। अगर तुर्की पर भारत ‘एप्पल स्ट्राइक’ कर देता है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
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