अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि, बागी पत्रकार जमाल खशोगी को एक योजना के तहत मारा गया है। लेकिन इस काम करते हुए गड़बड़ हो गई। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सऊदी अरब के साथ 110 अरब डॉलर का हथियार सौदा खत्म करने का विरोध भी किया। वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार खशोगी की 2 अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के भीतर हत्या कर दी गई थी। दो सप्ताह तक सऊदी अरब सरकार ने कहा कि खशोगी पीछे के दरवाजे से दूतावास से चले गए थे, लेकिन वैश्विक आक्रोश के बाद उसने एक बयान जारी कर माना कि खशोगी की मौत दूतावास के भीतर ही हुई।

तुर्की के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास सबूत है कि दूतावास के भीतर खशोगी को प्रताड़ित किया गया। उनके अंग-भंग किए गए और हत्या कर दी गई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, वह तुर्की में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में बागी पत्रकार जमाल खशोगी की मौत को लेकर खाड़ी देश के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी अधिकारियों का एक समूह सऊदी अरब में है और जांचकर्ताओं का अन्य समूह तुर्की में है, जो इस मामले पर जानकारियां एकत्र करने की कोशिश कर रहा है।

ट्रंप ने सोमवार को टेक्सास में एक चुनावी रैली के लिए रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, “मैंने जो सुना, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं।” एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, “हम बहुत जल्द पता लगाएंगे। हमारे पास अत्यधिक प्रतिभाशाली लोग हें। वे आज या कल वापस आ रहे हैं और मुझे जल्द ही पता लग जाएगा।”

ट्रंप ने अमेरिका के लोकप्रिय दैनिक अखबार यूएसए टुडे को दिए साक्षात्कार में कहा, उनका (शहजादे का) कहना है कि ना तो वह और ना ही शाह इसमें शामिल हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर उनकी संलिप्तता साबित हुई तो मुझे बहुत निराशा होगी, हमें इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि वह इस मामले की तह तक जाएंगे। इस योजना को उस तरह अंजाम नहीं दिया गया जैसा कि सोचा गया होगा। ट्रंप ने दोहराया कि वह इसके जवाब में खाड़ी देश को हथियारों की बिक्री रोकने की कोशिशों का विरोध करेंगे।

पिछले कुछ दिनों में ट्रंप ने सऊदी अरब के शहजादे और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से बात की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि एक या दो दिन में घटना से जुड़े और ब्यौरे सामने आएंगे। इस बीच, अमेरिका के खुफिया समुदाय से खशोगी को पकड़ने के लिए सऊदी अरब की योजना के सम्बन्धी जानकारी का खुलासा करने की मांग करते हुए, भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना और मार्क पोकन के नेतृत्व में 50 सांसदों ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक डेनियल कोट्स को पत्र लिखा है।