जर्मनी के हैम्बर्ग में जी 20 शिखर सम्मेलन में एक शख्सियत काफी चर्चित हुईं। इनका नाम का इवांका ट्रम्प। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और उनकी एडवाइजर इवांका इस सम्मेलन में अपनी ब्यूटी और ब्रेन की वजह खासी चर्चा में रहीं, लेकिन उन्होंने सुर्खियां तब बटोरी जब दुनिया के नेताओं के बीच वे अपने डैड की कुर्सी पर बैठ गई और उनके साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने लगी। इवांका ने चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों के साथ गपशप की और उनसे कई मुद्दों पर बात कीं। लेकिन उनका ये रवैया अमेरिकियों के गले नहीं उतरा खासकर डेमोक्रेट्स समर्थकों को। उन्होंने कहा कि आखिर न्यूयॉर्क की एक सोशलाइट, फैशन मॉडल और बिजनेस वूमन अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी पर कैसे बैठ सकती है? आलोचकों ने इवांका के कूटनीतिक समझ भी सवाल उठाया। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक 35 साल की इवांका दो मौकों पर अपने पिता की कुर्सी पर बैठीं, हालांकि इस दौरान उन्होंने कुछ बोला नहीं। इस दौरान उनके बगल में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति एड्रोगेन, जर्मनी और ब्रिटेन की राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद थीं।

उनके इस कदम पर कैलिफोर्नियां की डेमोक्रेटिक कांग्रेसवूमन मैक्सिन वाटर्स ने अमेरिकी समाचार चैनल MSNBC को कहा कि, इसका कोई भी बढ़िया मतलब नहीं निकलता है, यहां जी20 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देश को लीड कर रहे हैं लेकिन वो राजनीति करते हैं और दुनिया के बीच अपनी बेटी को आने का मौका देते हैं जिन्हें दुनिया की राजनीति के बारे में कुछ भी बता नहीं है। विपक्षी डेमोक्रेट्स ने कहा कि वो किसी भी तरह से उनसे चर्चा नहीं कर सकती हैं जो दूसरे देशों से आए हैं, उन्हें मुद्दों की समझ नहीं है। इवांका जी 20 सम्मेलन में अफ्रीकन माइग्रेशन और हेल्थ के मुद्दे पर हुई बैठक में भी शिरकत कीं।इतिहासकार एनी एप्पलबॉम ने भी इवांका के इस कदम की निंदा की और कहा कि एक अनिर्वाचित, अयोग्य और बिना तैयारी के आई न्यूयॉर्क की सोशलाइट को अमेरिका के राष्ट्रीय मुद्दों पर राय रखने के लिए चुना जाना हास्यास्पद है।