इजरायली सेना ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) को बुधवार को हिरासत में ले लिया। यह घटना उस समय हुई जब इजराइली नौसेना ने गाजा की ओर जा रहे राहत जहाजों के काफिले को रोक लिया। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, इन जहाजों में कई विदेशी कार्यकर्ता सवार थे और सेना ने सभी को इजरायली बंदरगाह की ओर मोड़ दिया।

इस राहत काफिले में सवार सभी कार्यकर्ता सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अब इजराइल के अशदोद बंदरगाह तक ले जाया जा रहा है, जहां से आगे की कार्रवाई की जाएगी। काफिले में ग्रेटा थनबर्ग के अलावा भी कई महत्वपूर्ण पर्यावरण कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय सदस्य शामिल थे। राहत अभियान का उद्देश्य गाजा में फंसे लोगों तक खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य मानवीय सहायता पहुंचाना था।

कार्यकर्ताओं ने बताया कि इजराइली नौसैनिक जहाजों ने उन्हें गाजा की ओर बढ़ने से रोकने के लिए चेतावनी दी और कुछ नौकाओं पर पानी की बौछार भी की गई। इसके बावजूद, वे अपने मिशन को जारी रखने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन उन्हें अस्थायी रूप से हिरासत में लेकर आगे की प्रक्रिया के लिए बंदरगाह ले जाया गया है।

यह राहत काफिला अंतरराष्ट्रीय सहयोग का हिस्सा है और इसमें कई देशों के कार्यकर्ता शामिल हैं। इसके माध्यम से गाजा की समुद्री नाकाबंदी को चुनौती दी जा रही है और वहां फंसे लोगों के लिए मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

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‘द ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला (Hamas-Sumud flotilla)’ नामक इस अभियान में करीब 50 छोटे जहाज हैं, जिन पर लगभग 500 सांसद, वकील और कार्यकर्ता सवार हैं। यह काफिला गाजा में फंसे फलस्तीनियों के लिए खाद्य सामग्री और दवाइयां जैसे मानवीय सहायता ले जा रहा था। कार्यकर्ताओं ने कहा कि 43 जहाजों में से 13 को गाजा तट से लगभग 80 मील दूर रोक दिया गया।

इस बेड़े में ग्रेटा थनबर्ग के अलावा नेल्सन मंडेला के पोते मंडला मंडेला, बार्सिलोना की पूर्व मेयर आदा कोलाउ और कई यूरोपीय सांसद भी शामिल हैं। आयोजकों का कहना है कि उनका उद्देश्य इजराइल की नाकाबंदी तोड़ना और गाजा को प्रतीकात्मक मानवीय मदद पहुंचाना है। शेष नौकाएं गाजा की ओर बढ़ती रहेंगी।

इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा कि सभी कार्यकर्ता सुरक्षित हैं और उन्हें आगे निष्कासित किया जाएगा। इटली ने पुष्टि की कि अभियान शांतिपूर्ण है और किसी भी तरह का बल प्रयोग नहीं होगा। वहीं, तुर्की ने इसे “आतंकवादी कृत्य” और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। कार्यकर्ताओं ने ‘‘फलस्तीन को मुक्त करो’’ के नारे लगाए। उन्होंने बताया कि इजराइली नौसैनिक जहाजों ने उनके इंजनों को बंद करने की चेतावनी दी और कुछ नौकाओं पर पानी की बौछार भी की गई।

यह राहत काफिला स्पेन के बार्सिलोना से लगभग एक महीने पहले रवाना हुआ था और इसका लक्ष्य बृहस्पतिवार सुबह तक गाजा पहुंचना था। आयोजकों को पहले से अंदेशा था कि इजराइल उन्हें रोकेगा, लेकिन यह इजराइल की 18 साल पुरानी समुद्री नाकाबंदी को तोड़ने का अब तक का सबसे बड़ा प्रयास माना जा रहा है।