Israel Airstrikes on Iran: जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वही हुआ और इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने Axios के हवाले से यह खबर दी है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने पूरे देश में विशेष आपातकाल की घोषणा की है। 

Axios के मुताबिक, ईरान की राजधानी तेहरान में लोग धमाकों की आवाज सुनकर जाग गए। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने धमाके होने की पुष्टि की है। इजरायल काट्ज़ ने कहा कि देश में शुक्रवार को स्कूल बंद रहेंगे। इजरायल के एक सैन्य अफसर ने कहा कि हमलों में ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “कुछ ही समय पहले इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया है, यह इजरायल के अस्तित्व के लिए शुरू किया गया टारगेटेड मिलिट्री ऑपरेशन है।”

अमेरिका बोला- हमलों में हमारी कोई भागीदारी नहीं

हमले के बाद एक बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, “आज रात, इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी प्राथमिकता इस क्षेत्र में अमेरिकी सेना की रक्षा करने की है।” मार्को रुबियो ने कहा कि इजरायल का मानना ​​है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी।

न्यूज एजेंसी AP ने बताया कि ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा है कि इजरायली हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ जनरल होसैन सलामी की मौत हो गई है। सरकारी टेलीविजन ने हमलों को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है, यह वीडियो उस जगह का है जहां ईरान के सैन्य कमांडर्स के आवास हैं। 

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फोन कॉल पर लंबी बातचीत हुई थी। इसके बाद से ही यह चर्चा तेज थी कि इजरायल बहुत जल्द ईरान पर हमला करेगा। ट्रंप के साथ फोन कॉल के बाद नेतन्याहू ने ईरान के सीनियर मंत्रियों और मिलिट्री ऑफिसर्स के साथ एक इमरजेंसी बैठक भी की थी।

इजरायल के हमलों के बाद यह माना जा रहा है कि ईरान भी जवाबी कार्रवाई करेगा क्योंकि ईरान अलर्ट मोड पर है। हाल ही में International Atomic Energy Agency के निदेशक राफेल ग्रॉसी ने इजरायल के i24 न्यूज के साथ इंटरव्यू में कहा था कि अगर हमला होता है तो ईरान भी इसके जवाब में कार्रवाई कर सकता है।

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हाई अलर्ट मोड पर है अमेरिका

इस पूरे मामले को लेकर अमेरिका भी हाई अलर्ट मोड पर है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन को इस बात का डर था कि अगर अमेरिका और ईरान के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रही बातचीत फेल हो जाती है तो इजरायल ईरान पर हमला करने के लिए अमेरिका की सहमति का इंतजार नहीं करेगा और वह ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला कर सकता है।

ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि वह मिडिल ईस्ट खासकर ईरान से अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालेंगे क्योंकि यह खतरनाक जगह हो सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भी कुछ कर्मचारियों को इराक छोड़ने के लिए कहा है।

बताना होगा कि अमेरिका की ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर लंबे वक्त से बातचीत चल रही है। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने देगा। दूसरी ओर, ईरान लगातार धमकी दे रहा है कि उसके पास इजरायल के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी अहम जानकारी है।

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